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विनाविचारे बोलना( सहसाभ्याख्यान) (२) एकांतमें रहेहुवेदेखके येतो राजविरुद्धविचारतेहे ऐसा कहना ( रहोभ्याख्यान,)(३) विश्वासुक स्त्री अथवा मित्रोने जोछानाकहाहे वो औरोंके आगे कहदेना (खदार मंत्रभेद )! (४) कष्टमेंपडाहुवा कोई पूछे उसकोझूठकहदेना (मृषोपदेश) (५) कूडालेखलिखना वदिकीसुदि करना सुदिकीवदिकरना (कूटलेख) अब स्थूल अदत्तादान विरमणव्रतके ५ जैसे अतिचार (१)चोरकी लाईहुवी वस्तु
लेना (स्तेनाहत ) (२) चोरोको संबलादिकदेके सहायकरना (स्तेनप्रयोग) (३) घीवगेरहमें वेसीहिवस्तुचरटू बीवगेरहमिलाना (तत्प्रतिरूपक्षेप) (४) (विरोधिराज्यमें लाभवास्ते वस्तुवेचनेकोजाना) विरुद्धगमन (५)
लोकप्रसिद्धतोलमान जादा कम करना लेनेका और देनेका और सो (कूटतुलाकूटमान) अब स्थूलमैथुनव्रतके)५अतिचार (१) विधवा वेस्या कन्यामें गमनकरना (अपरिग्रहितागमन) (२) भाडादेके थोडेदिनतकअपनीकरके उसमें गमनकरना ( ईत्वरीगमन) (३) अंगस्त्रीपुरुषचिन्ह उससेओरस्तनकक्षाउरूवगेरहअनंगमे क्रीडा करना) अनंगक्रीडा (४) अपनालडकालडकीयों के माफक औरोंका लडकालडकीयोंको परनाना (परविवाहकरना (५) कामभोगोंमे बहुतअभिलाषारखना (तीव्रानुराग) अब स्थूलपरिग्रह परिमाण व्रतके ५ अतीचार जैसे गणिम १ धरिम २ मेय ३ परिछेद्य ४ चारभेदसे चारप्रकारकाधन और साली गहुं वगेरहधान्यको सस्ता जानके सहीकरके लेवे और नियमकीमर्यादातक वहांहिरखना १ खेत घरकीवीचकीदिवालदूरकरके (१) एक
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