________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. तरंगः (छोण). तरुणः (पान), तीर्थम् (नहीघाट), तरुः (वृक्ष), तालु, उत्तरम् (प्रतिय).१ तरुणी, लत्वे 2 तलुणी ( ती). तर्दू (याटुमो). तेज, (अ) प. 1. पालने. पाखj, पालन 42. तेजति पाणे. तेजनम् (पान). तेप, (3) आ. 1. क्षरणे कंपने च. 1 52j, अरा, 2 5. तेपते परेछ तेव, (ऋ) आ. 1. देवने. मेय. तेवते अनछे. तोड्, () प. 1. अनादरे. मना६२ ४२यो. तोडति ना६२ 422. त्यन, (अ) प. 1. हानौ. हानिस्त्यागः. 16/j. त्यजति = तजइ = तले. त्यागः (१४ान, 2dvj). त्रक, (इ) आ. 1. गत्यर्थे . . त्रंकते जय. त्रख, (अ) प. 1. गत्यर्थे. पुं. त्रखति यथे. त्रख, (इ) प. 1. गत्यर्थे. 4. खति नयछे. वग, (इ) प. 1. गत्यर्थे. पुं. त्रंगति जयछे. त्रद्, (इ) प. 1. चेष्टायाम्. येष्टा- ०यापा२ ४२वी. नंदति 05 // 5 // 2 422. त्रप, (ऊ, , म्) आ. 1. लज्जायाम. सा. त्रपते नवोढा नवोढा या . __णी- पयति. त्रप्तः (Alrs1), मा (सा०४), पु (14). त्रस्, (ई) प. 1. उद्देगे. घाशो 57, 12 // यवो, प्रा. वसति, स्यति खलात् साधुः मया साधु साहेछे. त्रासः (24स्मात् मय). त्रस्, (अ) उ. 10. निवारणे महणे धारणे च. 1 निवा२j, 2 आरयु, 3 था 264 42. त्रासयति- ते मृगान् निराकरोतीत्यर्थः भूगोने निवार. त्रासः. त्रस, (इ) उ. 10. भाषार्थ भासार्थे च. 1 मोलघु, 2 5. सयति-ते, __ सति मोलछे इ०. त्रिख्, (इ) प. 1. गत्यर्थः. पुं. त्रिंखति // . वट, (अ) प. 6. छेदने. छे, पुं. त्रुटयति, त्रुटति जुॐ. त्रुटितम् = त्रुटिभ =2युं. त्रोटः= बोडो- गो. बोटिः (याय). घट, (अ) आ. 10. छेदने. त्रोटयते रज्जुम् धरीने छ. त्रुप, (अ) प. 1. हिंसायाम्. 65j. त्रीपति हजे. . For Private And Personal Use Only