________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 64 धातुसंयह. चह, (अ) प. 1. परिकल्कने. परिकल्कनं शाठयं दंभः कथनं च. 1 214 // ४२वी, 26-9 ४२यो, 3 43. चहति २४ता 42 इ०. चह, (अ, म्) उ. 10. परिकल्कने. परिकल्कनं दंभः शाठयं च. 1 -टुंग वो, 2 २४ता ४२वी. चहयति-ते न 42. चह, उ. 10. परिकल्कने. 1 टुंग- ४२वो, 2 २४ता ४२वी. चहयति-ते ढुंगरेछे इ०. चाय, (*) उ. 1. पूजानिशामनयोः. 1 yrj, 2 ,५चायति-ते पूछे इ०. अपचितिः (50), अपचित: (vit), केकयः (AM), केतुः (हम). चि, () उ. 5. चयने. यापुं, सांय, 1 42j, पी. चिनोतिचिनुते धान्यं कृषक: मे ने मे 422. 1 चयः, 2 प्रचयः, 3 संचयः, 4 निचयः (समूह), परिचयः, उपचयः (16), अपचयः (क्षय), उच्च यः (81), निश्चयः (निर्णय), काय: (देह), निकायः (समूह), चिति: (ढग), जीरम् = 7. चित्रम् (चित्र), चित्रा (नक्षत्र), 1 चेतव्यः, 2 चयनीयः, (सांयवायोग्य), चिबुकम् (हनुना मला ), चीरम् (१ख), 1 चीनः, 2 चीनक:, (याश). चि, (ञ, म्) उ. 10. चयने. मे 42j, यमुथु, मधु 42. चपयति-ते, __ चयति-ते मे२छे. चिक, (अ) उ. 10. व्यथने. पीउपुं, नपुं. चिक्कयति-ते . चिट, (अ) प. 1. परप्रेष्ये. ५२ने सेक्यु, ५२नी या ४२वी. चेटति ५२ने सेवछ. 1 चेटि:, 2 चेटी (हासी), चेटक: (15, २६स. चित्, (ई) प. 1. संज्ञाने. संज्ञानं संचिति:. MY, मनुमव. चेतति तये छ. चित् (alन), चित्तम् (मन), 1 यित्ति, 2 येतना (सान), चैतन्यम्, चेतन: (71), चेतनम् (ज्ञान), चेत: (स् + यिन). चित्, (अ) आ. 10. संचेतने. मूर्खाद्यवस्थानिवृत्त्युत्तरकालिकं ज्ञानं संचेतनम्, Mat . चेतयते यत यायचे. चेतनः, चेतना. चित्, (इ) उ. 10 स्मृत्याम्. स्मां , समाRY. चिंतयति-ते. चिंतति, संभारेछ. चिंतनम् (2025), चिंता (स्मृति), चिंतितम् (स्मृत), 1 चिंत्यम्, 2 चिंतितव्यम्, 3 चिंतनीयम्. (२४२वा योय). For Private And Personal Use Only