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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह घुष, (अ) प. 1. शब्द. 2006 ४२यो. घोषति हरिं भक्त: मत हरीने पोलिछ, घोषति = गोखइ = गोय. घोषणम् = गोपा. घोष: (घाटी). घुष, (अ) आ. 1. कांतिकरणे. 545 42. घोषते २४५४४२छे. घुष, (इ) आ. 1. कांतिकरणे. 2425442. धुंषते २४२५४४२छे. घुष, (इर् ) प. 1. अविशब्दने शब्दे च. डीयो 2006 ४२यो, 2 206 ४२वो. घोषति जी 2106 रेछे इ०. घोषः (२मारी पाउ). घुष, ( इर् ) उ. 10. विशब्दने. विशब्दनं विशिष्ट शब्दकरणं, नानाशब्दनं वा. 12 // 1 उयो, घी यो. 2 विविध श६ 4211. घोषयति-ते. घोषति. उद्घोषयति-ते. उद्घोषति घांटो उछ,, 2 // 2 // २॥छे.. घूर, (ई) आ. 4. हिंसावयोहान्योः. 1 6. 2 मुं ययु, 16 पुं. पूर्यते हए इ०. घूर्ण, (अ) आ. 1. भ्रमणे. समधु, युभयु. घूर्णते मत्त: माता धुभेछ. घूर्णते ___ = घुम्मइ = धुभ. घूर्ण, (अ) प. 6. भ्रमणे. मम, धुमपुं. घूर्णति नभेछे. घूर्णितः (नभेस), घूर्णिः (मायु). घ, प. 6. सेचने. सिंय. घरति दग्धं पयसा नर: / 2. साने समय सिंथे. घार: (सेयन), धर्धरीका (4231), घृतम = घिरं = पी. धर्मः = पम्मो = धाम, घृणा (या). घ, प. 3. (वै०) क्षरणदील्योः . 1 52, 2. 2 प्रासयु, ४२पुं. निर्ति जलम् पारी 2. जिपति वन्हि धृतेन होता होता था मनिने असे छे. घ, उ. 10, प्रस्रवणे प्रस्तावणे च. 1 , 2 . धारयति-ते घृण, (3) आ. 1. ग्रहणे. ह९५ 42, सयुं, ले. घृण्णते आलछे. घृण, (उ) उ. 8. दीप्ती. 15. घृणोति, घृणुते. पोति, घर्गुते पिछे. घृतम्, घृणा (या), घृति: (Alk). घृष, (उ) प. 1. संघर्षे. 1 २५र्धा ४२वी, सपा ४२वी. 2 स. घर्षति स्पर्धा 37. धर्षणम्, घृष्टिः, (As) For Private And Personal Use Only
SR No.020313
Book TitleDhatu Sangraha
Original Sutra AuthorN/A
Author
Publisher
Publication Year
Total Pages210
LanguageGujarati, Sanskrit
ClassificationBook_Gujarati
File Size9 MB
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