________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. ग, प. 9. शब्दे. 2006 ४२पो. गृणाति गुणं साधुः सा गुराने हे. गुरु:. गेप, (3) आ. 1. कंपने गती च. 1 5j, 2 . गेपते पछे. गेव, (+) आ. 1. सेवने. सेवj, पृv. गेवते पेशे. गेष्, () आ. 1. अनिच्छायाम्. अन्विच्छा अन्वेषणम्. शोध, पोपपुं. गेषते गां गोपाल: गोवाण ॥यने पाणछ. गै, प. 1. शब्दे. 225 ४२यो. गायति गीतं नारी नारी ने यछे. गीतम्, प्रगीतम्, गानम्, गेयम्, गीतिः, उपगीतिः, उद्गीतिः, गायकः (आना२), गाथा, गायनः (गाना२), गायनी, सामगः, सामगी, उद्गीथः (भो।२), उदगाता (सामग. गोम, उ. 10. उपलेपने. सिं५j. गोमयति गोमयेन भूमिं यना या गो___ भय मुभिने सिंपले. गोमयम् (74). गोष्ट, (अ) आ. 1. संघाते. मे 42. गोष्ठते धान्यं कृषिः कृषि हाने सत्र 423. अथ, (इ) आ. 1. कौटिल्ये. कौटिल्यं कुसृतिबंधश्च. 1 1r, 2 मांधg, मुंथई, oisपुं. ग्रंथते गवयः रो पडो नयथे. ग्रंथते फुलानि माली भाला पाने मुंथेचे. ग्रंथिम्= गंठी = isय. ग्रंथः= गंठो = मांडो. पथ, (अ) प. 9. संदर्भ. संदर्भो ग्रंथनम्. मुंथ. ग्रथ्नाति ग्रंथं कविः वि अंथने मुंथेछि. ग्रंथः, ग्रंथिः = गंठी = 45. ग्रंथ, (अ) उ. 10. संदर्भ. संदर्भो बंधनम्. मयु, isj, . ग्रंथ___ यति-ते, ग्रंथति माल्यं माली माली घुसने गांउछ. ग्रंथति = गंढइ = 3. ग्रस, (ज) आ. 1. अदने. पायु, मयु. यसते मोदकं विप्रः विप्र खाने / 2. ग्रास: (415), ग्रामः= म. ग्रीष्मः ( ३तुले). ग्रस, (अ) उ. 10. ग्रहणे. आलघु, से, अ. ग्रासयनि-ते फलं जनः सनसने लेछे. ग्रह, (भ) उ. 9. उपादाने. उपादानं स्वीकार:. वी॥२, सयुं, आसपु. गृहाति, गृहीते धर्म धार्मिकः धार्मि धर्भने आखछे. गृहम् = 52. ग्राह: (41-52), गृहोली - धोती. विग्रहः = पधरो (यु१), परिग्रहः (खा४।२), For Private And Personal Use Only