________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir धातुसंग्रह. 33 कल, (अ) आ. 1. अव्यक्ते शब्दे तूष्णीभावे च. 1 25254 2006 ४२वो, 2 भौन यु. कल्लते खरः 52 लूछे. कल्ल, कल्लोलः (तरंग). कव, (ऋ) आ. 1. वणे. वर्णः वर्णनं शुक्लादिश्च. 1 वर्णन 42\, 2 विधु, रंगपुं. कवते. कर्बुरः (13). कश, (अ) प. 1. शब्दे. 2006 ४२वो. कशति 206 22. प्रतिष्कशः (*अयायी, मागवो इत). ग्राममद्य प्रवेक्ष्यामि भव मे त्वं प्रतिष्कशः-हमा हुँ ममा छु तु माशुषो था. कशा (यभंसाडी, त्यामु४). काशः- (तगति), काश्मीरः (32), कश्मलम् (भू). कश, (अ) आ. 2. गतिशासनयोः. 14, 2 माना४२वी. कष्टे गयछे इ०. कशा. कष्, (अ) प. 1. हिंसार्थः. 64. कषति हऐछे. कूलंकषा (नी), सर्वकषः (55), कष्टम्, कशितम्, कषः, आकषः, निकषः, कषीका (श्रेणी),कक्षः (तृप, 2 (वन). कक्षः, कक्षा कक्खा-14 (1 पाभूल, 4), कषिः (1 सारी, 2 पातरियुं), कंडूः (55), कछूः (54). कस्, (अ) 5. 1. गती. नपुं. कसति, जयचे. विकसति = विकसइ = वि असे. विकासः, कासूः (२।त्तिनुं मायुध), किसलयम् (g51), विकस्वरः कस्, (अ) आ. 2 गतिशासनयोः. 1, 2 माना ४२वी करते, कसः. कस्, (इ) आ. 2 गतिशासनयोः.१४, 2 मासा ४२वी करते. कंसः (पान५१). काक्ष, (इ) प. 1. कांक्षायाम्, कांक्षा इच्छा. 4/20. कांक्षति -छेछ. 1 कांक्षा, 2 आकांक्षा (छ). काच, (इ) आ. 1. दीप्तिबंधनयोः. 1 ३४।२।यु, 2 मांध. पंधन 42. कांचते प्रास. कांचनम्, कांची (मसला). काल, उ. 10. उपदेशे. ६५१२४२वो. कालयति-ते 752 // 422. काली. 'काश, (3) आ. 1. आ. दीप्ती. 54, 5. काशते, प्रकाशते, प्रकाशः, अवकाशः, संकाशः, प्रतीकाशः, नीकाशः, आकाशः, काशि:, काष्ठम्. काश, (ऋ) आ. 4. दीप्तौ. 5g, प्रा. काश्यते हीपेछ. प्रकाशः, अब काशः नीकाशः, प्रतीकाशः, आकाशः, काशी, काष्ठम्. For Private And Personal Use Only