SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 355
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyanmandit hemRATRI स्कन्दकमुनिवृत्तं श्रीदे० चैत्यश्री धर्म० संघा. चारविधी ॥२५८॥ ४ पूरेइ ५ किटेइ ६ अणुपालेइ ७ आणाए आराहइ ८ एवं दोमासियाइ १२, [प्रत्यन्तरे सम्मं कारण फासित्ता जाव आराहित्ता जेणेव समणे भगवं महावीरे तेणेव उवागच्छइ २ समणं३ वंदइ नमसइ २ एवं वयासी-इच्छामि णं भंते ! तुब्भेहिं अब्भणुण्णाए | दोमासियं भिक्खुपडिम उवसंपजित्ताणं विहरित्तए, अहासुहं देवाणुप्पिया! मा पडिबंध, तं चेव, एवं [ दोमासियं ] तेमासियं चउमासियं पंचछसत्त० पढमसत्तराइंदियं दोच्चसत्तराईदियं तच्चसत्तराइंदियं अहोराइयं एगराइयं । तए णं से खन्दए अणगारे एगराइंदियं भिक्खुपडिमं अहासुत्तं जाव आराहेत्ता जाओ-मासाई सत्ता ७ पढमा ८ विय ९ तइयसत्तराइदिणा १०। अहराय १ एगराई २ भिक्खुपडिमाण वारसंग ॥१॥ कमसो पइदिणमेगा दत्ति सत्तसु पुढो जलन्नाणं । तिसु य चउत्थपमाणं छहट्ठम दोसु चरिमासु ।।२।। उत्ताणयपासिल्लय नेसजिअआसणो उ अहमिए । उकुडलगंडसाई दंडाययए य नवमीए ॥३॥ दसमीए गोदोहिय वीरासणिए य अवखुजे य । इगदसमी अवलंबियपाणी थाणुव्व उद्धृतणू ॥४॥ साहटु दोवि पाए अवलंबियपाणि लुक्खअणुदिट्ठी। अणिमिसनयणो ईसिंओणयकाओ य बारसमी ॥ ५॥ गच्छा विणिक्खमित्ता उवसग्गपरीसहाइसहणपरो । पडिषजइ एयाओ धीरो इय भिक्खुपडिमाओ॥६॥ लेइ गुणरयणसंवच्छरं तओ तत्थ सोलमासतवं । एगंतरोववासाइ होइ चउतीसइमअंतं ॥७॥ ठाणुकडओ य दिवा सुराभिमुहो य आयवेमाणो । रतिं तु अवाउडओ वीरासणिओ कुणेइ तवं ।। ८ ॥ पनरस १ दस २ अट्ट ३ छ४पंच५ चउरक्षतिय ७ तिनि ८ तिनि९तिय १० तिन्नि ११ । दुय १२ तिन्नि १३ दुन्नि १४ दुय १५ दुनि १६ पारणा सोलमासि कमा ॥९॥) तएणं से खंदए अ० २ गुणरयणसंच्छरं तवोकम्मं अहासुतं ५ सम्मं कारणं फासेइ ८ जाव आराहित्ता८ जेणेव समणे३ उवागच्छइ २ समणं३ वंदइ नमसइ २ बहूहिं छहमदसमदुवालसेहिं मासद्धमासखवणेहिं विचित्तेहिं| INSPITHAILANAHAPATI २५८॥ For Private And Personal
SR No.020306
Book TitleDevvandanbhashyam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDevendrasuri, Dharmkirtisuri
PublisherRushabhdev Kesarimal Jain Shwetambar Sanstha
Publication Year1938
Total Pages560
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy