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(१४९ ) हो उस को बारह दिन का सूतक लगता है। जिस घर में जन्म हुआ हो, उसी घर में एक चूल्हे पर बनी हुई रसोई को जीमनेवाले कुटुम्बियों को सत्तावीस दिन का सूतक जानना, अगर उसी घर में दूसरे चूल्हे पर बनी हुई रसोई जीमे तो बारह दिन का सूतक लगता है। अगर किसी को प्रभुदर्शन और प्रतिक्रमण करने का नियम हो तो वह दूरसे प्रभुदर्शन और मन में प्रतिक्रमण कर सकता है, जन्मदात्री नहीं।
५ परदेश या परगाँव से जन्म होने का समाचार आया हो तो उसके कुटुम्बियों को एक दिन का सूतक जानना । गाय, भैंस, बकरी, ऊंटनी, घोड़ी का घर में प्रसव हो तो दो दिन का और जंगल में प्रसव हुआ हो तो एक दिन का सूतक जानना । प्रसवकाल से गाय, ऊंटनी का दूध दश दिन के बाद, भैंस का पन्द्रह दिन के बाद और बकरी का दूध आठ दिन के बाद खाया जा सकता है, पहले नहीं।
६ एक गुआड़ी या एक घर में दो या अधिक निवास हो, उनका निकास द्वार एक ही हो, उनमें से किसी के घर जन्म हुआ हो और परस्पर आभड़छेट न हो तो जन्मघर सिवाय के लोगों को सूतक नहीं लगता। यदि आभड़छेट हो किन्तु गोत्री हो तो उसको ५ दिन का और बिना गोत्री को ३ दिन का सूतक लगता है। गोत्री और गोत्र बिना के लोग जन्मदात्री के लिये चूल्हे पर बनी हुई ही रसोई जीमते
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