SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 163
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir ( १४४ ) ३ विगई - मधु, माखन, मांस, मदिरा, इन चार महावियों का सर्वथा त्याग करना । दूध, दही, घी, तेल, गुड, कढाई इन विगयों में से प्रतिदिन वारा फिरती एक बिग का त्याग, अथवा वापरने की गिनती करना । ४ उवाणह— उवाणह - पगरखी - जूता, बूट, मोजा, पंजा आदि पहरने की गिनती करना । ५ तम्बोल - पान, सुपारी, लौंग इलायची, डोडा, चूरण आदि मुखत्रास की वस्तुओं के वापरने की गिनती तथा वजन प्रमाण करना । ६ वस्त्र -- मखमल, रेशमी, शनिया, ऊनी, सूती आदि वस्त्रों के गलपट्टे, टोपी, अंगरखी, कोट, धोती, दुपट्टे, खमीज, बंडी आदि पंचांग पोषाक या एकादि की और ओढने आदि के वस्त्र वापरने की गिनती करना । ७ कुसुम - सूङ्घने योग्य पुष्प, इत्र, तेल, फुलेल,, छींकनी, नासिका आदि को वापरने की गिनती और ममाण करना । ८ वाहन - हाथी, घोड़ा, पाडा, बैल, खच्चर, ऊंट, रथ, पालखी, गाडी, रेल, मोटर, भगवोट नाव, हवाई जहाज आदि पर बैठ कर जाने आने का प्रमाण करना । ९ शयन - शय्या, पाट, पाटळा, पलंग, खाट, गादी तकिया, जाजम, मचली गादी, टाट आदि पर बैठने या सोने का प्रमाण और इनकी गिनती रखना । For Private And Personal Use Only
SR No.020303
Book TitleDevasia Raia Padikkamana Suttam
Original Sutra AuthorN/A
AuthorJayantvijay
PublisherAkhil Bharatiya Rajendra Jain Navyuvak Parishad
Publication Year1964
Total Pages188
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy