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[ 194 ] Fol 428b. इत्याचे पद्मचरिते रामलक्षणांकुश समागमाभिधान' नाम पर्व ॥१०॥ Fol 431b. इति पद्मचरिते सकलभूषणदेवागमाभिधान नाम पर्व ॥१०४॥ Fol 446b. इत्याचे पद्मचरिते प्रव्रजितसाताभिधान नाम पर्व ॥१०॥ Fol 448a. इति पद्मचरिते लवणांकुशपूर्वभवाभिधान नाम पर्व ॥१०८॥ Fol 4524. इत्यार्षे रविप्रोक्त पद्मचरिते मधूपाख्यान' नाम पर्व ॥१०॥ Fol 454b. इति पद्मचरिते कुमाराटकनिःक्रमणाभिधान नाम पर्व ॥११०॥ Fol 455b. इत्यारे पद्मचरिते प्रभामंडलपरलोकगमनाभिधान नाम पर्व ॥१११॥ Fol 459a. इति पद्मचरिते हमुमनिर्वाणाभिधान नाम पर्व ॥११३॥ Fol 46ob. इति पद्मचरिते शक्रपुरसंकथाभिधान नाम पर्च ॥११४॥ Fol 462a. इत्याचे लवणांकुशतपोभिधान नाम पर्च ॥११५॥ Fol 463a. इति पद्मचरिते रामदेवविलाप नाम पर्व ॥ Fol 464b. इति पद्मचरिते लक्षणवियोगविभीषणवर्णनं नाम पर्व ॥ Fol 467b. इति पद्मचरिते लक्ष्मणस्य संस्कारकरण कल्याणमित्रदेवगमाभिधान
नाम पर्व ॥११॥ Fol 46ga. इति पद्मचरिते वलदेवनिःक्रमण विधानं नाम पर्व ॥११॥ Fol 470a. इति पद्मचरिते गोचरसंक्षेभाभिधानं नाम पर्व ॥१२०॥ Fol 47ra. इति पद्मचरिते दानप्रसंगाभिधानं नाम पर्व ॥१२१॥ Fol 473a, इति पद्मचरिते पद्मस्य केवलोत्पत्त्यभिधानं नाम पर्व ॥१२२॥ Fol 474a. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे बलदेवसिद्धिगमनाभिधानं नाम
त्रयोविंशोत्तरमं शतं पर्व ॥१२३॥ DATE OF THE WORK.
द्विशताभ्यधिके समा सहस्र समतीतेर्द्ध चतुर्थवषयुक्ते। जिनभास्करवर्द्धमानसिद्धे च चरित पद्ममुनेरिद निबद्धं ॥ DATE OF THE Ms.
सं १८०० A Prayer for the Welfare of the Universe .. कुर्वत्वथात्र सान्निध्य सर्वाः समयदेवताः कुर्वाणाः सकल लोक जिनभक्तिपरायण। कुतो वचनै रक्षां समये सर्ववस्तुषु । सर्वादरसमायुक्ता भव्यालोकसुवत्सलाः॥
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