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[ 192 ] Fol 335b इत्याचे पद्मचरिते शक्तिसंतपाभिधानं नाम द्विषष्टितमं पर्व ॥६२।। Fol 336b. इत्यारे पद्मचरिते शक्तिभेदरामविलापो नाम त्रिषष्टितमं पर्व ।।६३॥ Fol 341b. इत्यार्षे पद्मचरिते विशल्यासमागमाभिधानं नाम पर्न ॥ Fol 344b. इत्याचे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मचरिते रावणदूतागमाभिधानं नाम षट्
षष्टितमं पर्च ॥६६॥ Fol 3454. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे पद्मायने शांतिग्रहकीर्तनं नाम
सप्तषष्टितमं पद्म ।।६।। Fol 346a. इति पद्मचरिते रविषेणाचार्यप्रणीते फाल्गुनाष्टाह्निकमहिमाभिधानं
नामाष्टषष्टितमं पर्च ॥६॥ Fol 346b. इत्या रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मचरिते लोकनियमाभिधानं नाम एकोन
सप्ततितमं पर्व ॥६॥ Fol 349a. इति रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे सम्यगदृष्टिदेवप्रतिहार्यकीर्तनं नाम
सप्ततितमं पर्व ॥७॥ Fol 35ra. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे बहुरूपविधासनिधानं नाम एक
सप्ततितमं नाम पर्च ॥१॥ Fol 3544. इति पद्मचरिते युद्धनिश्चयकीर्तनाभिधानं नाम द्वासप्ततितमं पर्च ॥७२॥ Fol 358a. इत्याचे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे उद्योगाभिधानं नाम त्रिसप्ततितमं
पर्च ॥७३॥ Fol 361b. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे रावणलक्ष्मणयुद्धवर्णनाभिधानं
नाम चतुःसप्ततितमं पर्ख ॥४॥ Fol 363b. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे चक्ररत्नोत्पत्तिवर्णनं नाम पंच
सप्ततितमं पर्च ॥७॥ Fol 364b. इति पद्मायने दसग्रीवाविधाभिधानं नाम षट्सप्ततितम पर्व ।।७।। Fol 366b. इति पद्मचरिते प्रीतिकरोपाख्यान' नाम सप्तसप्ततितम पर्व ॥७७॥ Fol 372a. इत्यार्षे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे सीतासमागमाभिधान' नाम
एकोनाशीतितम पर्व ॥६॥ Fol 38ob. इत्या रविषेणाचार्यप्रोक्ने पद्मचरिते साकेतनगरीवर्णनं नाम एकाशीतम
पर्च ॥१॥ Fol 3821. इत्याचे रविषेणाचार्यप्रोक्त पद्मपुराणे लक्ष्मणसमागमाभिधान' नाम
द्वयशीतितम पर्व ॥८२॥
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