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50A, दीक्षाप्रकाशो नाम द्वितीयो विवेकः । 80B, • पुरश्चरणप्रकाशो नाम टतीयो विवेकः ।
Of the works (which include a large number of later compilations) and authors referred to, mention should be made of:
कुलधर्मोत्तर (16A), कौमुदी, विश्वसार (16B), विश्वविवेक (17A, 29A), विष्णुकल्प (17B), मत्स्यसूक्त, विष्णचूडा (20B), सम्मोहनतन्त्र (21A), विश्वप्रयञ्च (25B), नवरत्नेश्वर (25A), राघवभट्ट (27B), ताराभक्तितरङ्गिणी (28A), प्रपञ्चतत्त्व (28A), सोमशम्भु (28B), विशुद्धेश्वर (29A), भवपञ्चक (29A), स्वतन्त्र (32B), विषायामल (33A), रामार्चनचन्द्रिका, गणेशविमर्शिनी (33B), तत्त्वसार (34A), तन्त्ररत्न (36B), मालिनौविजय (38B), श्रीक्रम (39B), चामुण्डा (40A), कुमारीकल्प, बोजावलि (42A), उदयकरपद्धति,
हत्मत्स्यसूक्त (44B), योगावली (45B), पुरश्चरणाचन्द्रिका (46B), कुलप्रदीप, श्यामारहस्य (49A), विवेकप्रकाश (50B), पिङ्गला (51B), कुलप्रकाश (54A), हंसपरमेश्वर (55A), योगकल्प (55B), बहत्प्रचेताः (56B), सनत्कुमारकल्प, क्रियासार (57A), सारावली (57B), सिद्धसारखत (59A), सिद्धान्तशेखर (60B), त्रिशक्तिरत्न (67B), गुणविघा (69A), गार्ग्यसंहिता, यज्ञार्णव (69B), महायज्ञार्णव (72B), शक्तिरत्न, कुलरत्न (73B), शक्त्यर्णव (74A), कुलप्रपञ्च (74B), रत्नकल्प, पूजार्णव (75B), विद्यानन्दतागम (76A), कुलप्रदीप (76B), पुरश्चरणप्रदीप (77A), विद्याधराचार्य (79A), साधनार्णव (79B), गुरुरत्नकल्प (81B), रत्नसार, कुलाम्मतसार (84A), कल्पछम (84B), विश्वप्रकाश (85A), लक्ष्मीज्ञानार्णव (85B), रत्नप्रदीप (88A),
आगमकल्पद्रम (90B), तत्त्वसागर, कुलदर्यण (91A), रत्नसारावलौ, विश्वविभूति (91B), सारसंग्रह, रहस्यसार (92B), रहलौतम (93B), चन्द्रिका (97B), गणेशतत्त्व (98B), कालौहृदय (100B), कुमारसंहिता (107A), लक्षणसंग्रह (108B), भावचूडामणि (109A), विद्यानन्दनिबन्ध (11IA), मन्तकौमुदी (111A), शाक्तानन्दतरङ्गिणी (112B), तन्त्रप्रदीप (113A), सङ्केताभिधान (115B).
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