________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir गुरुकहेठे ३०ए ता०तेहने प्रा.कहने वि०मितसाधु 14 सिण्धुअरप्रमु| मे०बुद्धिवंत खनासुक्षम ए श्माश् ताश् मेहावि आश्रुखेन वियखणो 14 सिणेहिंपुप्फ त्रेह पु.नानो पा कुंथुप्राप्रमुखतेमजनूयां खसखसादिकनाबीजवली अंवलीकीमीप्रमुमाहरेवती कीमीनानगरानीलफुल 5 नानाअंकुरा खनानीमाल सुहमंच पाणुंतिगंतहेवयं पणगंबियहरियंच अंमसूहमंच अकाठमुंए ए.एकह्यातेने स०सर्वमनवचनकायायें निशु अ.अप्रमत सुक्षम 15 जाणीने द्वषेयेकरीने सं०साधु थको अठ्ठमं 15 एवमेयाणिजांणित्ता सम्बनावेण संजए अप्पमज जतनायेंकरी स-पांचइंद्रिएकरी स.स. धूनिश्चलसदाएनित्यकर्त- जो. सदा माधिवंतसाधु 16 व्य च.वलीपमिलेहणाकरे शुद्ध तोजएनिच्चं सबिदिय समाहिए 16 धुवं चपमीलहेना जो For Private and Personal Use Only