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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir अच्छ 128 अच्छ गउ चक्काउहु जहिं अच्छइ जिणु PANACa.(P.) 5.7.1; तहिँ अच्छइ कुमारि णं विमाणा सब्वरतणामया अच्छा सहा लण्हा.--दरसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा सुमणोहर Bhavika. 75.5; पुहईसरु ... जंबुकुमाराहिटिउ । अच्छइ विविह- Panner. 2.49 (:.196); 2.50 (1117(1)) :1.59(2206); ईसोपभारा गं विणोयहि ... जावत्थाणे परिटिउ JambasaCa. 5.1.31; तहिं अच्छए जाम पुढवी अच्छा सहा लण्हा Pannav.::.661211): तस्स णं बहुसमरमणिज्जस्स गयाहिराओ SulCa.(N.) 1.6.1; अच्छइ घरयंगणे खेलंतउ SudCa.(N.) भूमिभागस्स बहुमज्झदेसभाए णं इक्के महं पउमईहे णामं दहे पण्णत्ते उब्बेहणं 3.7.1: 6.8.14; पिएण समाणिय अच्छइ जाम KarCa. 1.9.1; अच्छहि अच्छे सण्हे रययामयकूले जाव पासाईए जाव पडिरूवेत्ति Jambudli. 4.74; से मुणि जिह झाणोवविट्ठ Vila Ka. 1.10.10; अच्छइ दूरि भमंतु PADO. 58; णं एगाए वईरामईए जगईए. सवओ संमता संपरिचिखत्ते सा जगई ... अच्छा धम्मु मुणंतउ जा तहि अच्छइ Chakkamnu.2.6.12; गय कुमारि लहु सहा लण्हा ... दरिसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा iumbuddi. 1.8; अच्छेहि तेत्तहि अच्छइ जे त्तहि सहापरिट्ठिउ ताउ जहि SIVICh. 1.7.173 हउँ अच्छमि सण्हे हि संतेहिं रययामहि अच्छरसातंदुलहिं चकरयणस्स पुरओ अट्ठमंगलए मरात समुद्दतीर SiVaCa. 1. 42.4; अच्छई बिणि वि सुहु अणुहवंत आलिहाइ .anhudai. B.1"; M. फलिहच्छोअरं दीसंतपट्ठिवेणीसिहाओ व SiVaCh. 1.15.18; ताम्वहि अच्छउ इयरु जणु सुअणु वि अंतरु देइ Hem. सहति nudva. 150; अंतो मणिदानच्छवि विच्छरिमच्छंमुअं सुहावेइ (G:.) 4.406.3; अच्छिहि जिह सन्निह घर कंतय Sande Ra. 1673; (pass.) GaudVis750; णवरि अ अच्छालोआ उअअ-गिरि-क्खलिअ-बहलजोण्डानीडनिवासिएहि अच्छिज्जइ बार वार पविखहि मुच्छिज्जइ JambuSiCa. णिवहा SetuBh. 10.:30: (विदूषक) मुक्त्तुलं मित्तलमच्छमुज्जलं कमेण पत्तो 9.10.4; अच्छिन्नइ सुहझाणनिउत्तेहिं देवधम्मगुरुपूयवित्तेहिं Bhavika. 37.2 णवमोत्तिअत्तणं Kaputi... 2 rear, rian (ius appliant to water [तुई इह वि अच्छु पसयच्छि SankuCa. 517.3 for अत्थु] et...), A.Mx. ते गं तत्थ अच्छं पत्थं जचं तणुयं फालियवण्णाभं ओरालं उदग___ अच्छ ( accha <rksa ) m. u hetr, AM से भिक्खू वा रयणं आसादेति Viy. 15.65 (15.५); तीसे गं वाणारसीए नवरीए ... भिक्खुणो वा गाहावर-कुलं पिंडवाय-पडियाए अणुप्पविट्ठ समाणे सेज्ज पुण दिसीभाए गंगाए महानईए. ... गंभीरसीयलजल अच्छ-विमल-सलिल-पलिच्छण्णे जाणेज्जा ... अच्छं... वियालं पडिपहे पहाए Ayir.2.1.5(354); 9.3.19 ... अभिरूवे पडिरूबे Niva. 1.4..: तरण से फलिहोदए सत्तमंसि सत्तमंसि (ii); अणगारे णं भंते भाविअप्पा बाहिरए पोग्गले अपरियाइअत्ता पभू गं मह परिणममाणंसि उदगरयणे जाए यावि होत्था - अच्छे पत्थे जच्चे ... सबिदियआसरूवं ... अच्छरूवं ... वा अभिमुंजित्तए Vis.:.5.12 (3.209); 3.210 ते गायपल्हायणिज्जे Nayi. 1.12.19; अच्छविमलसलिलपुण्णं Jivibii. 3.1183; णं भंते! सीहा वग्धा ... अच्छा तरच्छा परस्सरा निस्सीला तहेव जाव कहिं अच्छं ... छब्बिह पाणयमेयं भणियं परिकम्मपाउग्गं Arihd.(v.) 49335 उववजिहिति Viy. 7.6.36 (7.1:2): 12.160; तत्थ णं अण्णे बहवे सीहा य परिसंठियच्छदवगेण्हणट्ठया गच्छमासना OgliNi. 54 AM. (वावी-पुक्खर...अच्छा य ... पुव्वपविट्ठा अग्गिभयविहुया एगयओ बिलधम्मेणं चिटुंति Navt. णीओ) पराइपाणियफलिहसरिच्छऽच्छभरियाओ Titt]io. :20. JS. कलुसी1.1.12% कुरंगरुरु ... अच्छभल ... चउप्पयविहाणाकए य एवमादी Panas. कदं पि उदयं अच्छं जह होइ कदयजाण्ण Bhuri 1073; अविरसमदुब्बिगंध 1.6; उत्तरकुराए कुराए सीहाति वा ... अच्छाति वा Jivibhi. 3.6-203; अह अच्छमणुण्हं अणदिसीदं BhuArii 14:00; 1. (नान्दी) अल्छK परिकीलिडे भंते ! मणुस्से महिसे ... अच्छे तरच्छे ... सव्वा सा एगवयू ? Pannav. रस-सुहा-सोत्तेसु सुत्तेसु णो C L. I.!: ... लीलई अवगाहइ सरिहि 11.21(549); 11..2 से किं तं सणफदा दीविया अच्छा तरच्छ| Paunar. सलिल । मयरंदगंध-बहलच्छविमलु PINic...(P.) 1.23.6; 3jure, immix1.66(54); अच्छ-तरच्छ-सियाल-बिडाल Jambuddi.9.16 136; दीवियस्स (मलरहित), JM. अच्छ-कय-कण्ण-चिउमओ महु-पिंगल-नयणओ मयंकवा अच्छर स बा तरच्छस्स वा Duii. 7.1. a KamaCa.(H.) 2.17; M. ( 21.6. 1.1; 4 (cletur) unhindered, अच्छ (accha) adj. 1 white, bright (as applied to objeeta Aur खणे खणे जाणिअ अच्छ णिसास PriPain.:.1:34 B 5spotless, or enlour) [11.m.((dv.) 4.3:50] A.Mg. (अंजणपब्वता ) मूले विच्छिण्णा... eleral, Ap७. अच्छकवोलजुयलु मुंह तडियउ विहिँ भायहि ससिखंदु य घडियउ सब्बअंजणमया अच्छा सण्हा लण्हा ... अभिरुवा पडिरूवा Thiun. 4.2.23 JambfisiCa. 4.124.9. (307); ते गं दधिमुहपब्वया ... सव्वरयणामया अच्छा जाव पढिरूबा Thinn अच्छ (accha<?) Disi. art. I y much, 'xcessive. 4.::.:40(307); ते णं रतिकरपब्वता ... सब्बरयणामया अच्छा जाव अश्सयदुएसु अच्छं INAMA1.49 (2m. अच्छं अस्यर्थम्): 2quirh. पटिरूवा Thina. 4.2.41 (4.307); ते णं विमाणा ... सव्वरयणा- अइसयदुएमु अच्छे DeNali, 1.40 (0mm अच्छ, शीत्रं च) मया अच्छा सण्हा लण्हा... अभिरूवा पटिरूवा SmavPra.1.50; ते णं भवणा अच्छ (accha) , ' of Mt. Mom Or Mandari, ANT. ... गंधवटिभूया अच्छा सण्हा ... अभिरुवा पडिरूवा SimavPvt. 144; एत्थ मंदरस्सण मंते पब्वयस्त कति णामंधना पण्णता ।... सोलस णामधज्जा णं चमरस्स... उप्पायपव्वते पण्णते... उपि विसाले बरवइविगहिए महामउंद- पण्णत्ता ... अच्छे य एवं बुचइ मंदरे पचप Jumhalli. 1200 (aonim, संठाणसं ठिए सन्चरयणामए अच्छे जाव पडिरूवे Vis...8.1 (118): ते सुनिर्मलः, जांबूनदरत्नबहुलत्वात् मेरुनाम ... ता अनि णं पब्बगं तत्थ अच्छं ज तावणिजं महत्थं महग्धं महरिहं ओरालं सुवण्णरयणं यसि Siral.5.1; 19.23. अस्सादति Vis. 15.65 (15,00); ते णं भंते ! किमया पन्नत्ता ? गोयमा! अच्छ (accha) M. Appl.) partienlar Aiyan intry anil itसब्बरयणामया अच्छा सोहा जाव पडिरूवा Viv. 10.7.1 (19.158)सर- inhabitants, AMr. जावतीए अजो! गोसालय मखलिपुत्त ममं वहाए. मच्छथाऊधवल ... वणरईए ... कोट्टिमतले Nivi1.1.15; तस्स णं असोग- सरीरगंसि तये निसट्टे से गं अलाहि पजत्ते सोलरूपई जणवयाण, तं जहावरपायवस्स उदरि बहवे अट्ट अट्ठ मंगलगा पण्णत्ता, तं जहा - सोवत्थिय ... अंगाणं बंगाणं.. अच्छाणं वच्छाणं Vis. S.57 (15.1:21); वराह वच्छ वरणा सव्वरयणामया अच्छा सण्हा लण्हा ... दरिसणिज्जा अभिरूवा Evar.l::अच्छा तह मत्तियावइ दसपणा। मुत्तीमई य चेदी वीश्मयं सिधुसोवीरा ईसीप-भारा गं पुढवी सेया संखतल ... अच्छा सण्हा लण्हा ... दरिसणिज्जा Panttv. 1.:. ४. 4 (10:0, 11.5); SiTiS.) 12344; Pavsary. अभिरुवा पडिरूवा UvIV. 194%3; तए णं से ... जाणविमाणस्स बहुमज्झदेसभागे 1590. एत्य महं पिन्छाघरमंडवं विउब्वइ ... अच्छं सह लण्हं ... अभिरुवं पडिरूवं अच्छ (accha<aksa) Mint the end on timir] [1. Hi] RiSP 34316183 तेसि णं तोरणाणं उम्पि अट्ठमंगलगा पण्णता, तं an eye, AML. अंजणपुंजनिगरप्पगास रत्तच्छलोहियलायर्ण iivit. 1073 जहा-सोस्थिय ... सब्बरयणामया अच्छा लण्हा सण्हा ... अभिरूवा पडिरूवा तयाणंतर चणं जचाणं तरभलिहायणाणं हरिमेलामउलमलियच्छार्ण Uvav. RiyPt.13.23 (मणिपेढिया) सब्वमणिमईओ अच्छाओ जाव पडि- (v.1.) 40: JM. पटिखंभिअट्ट-थंभय-यंभिअ-तणु-ठभिअच्छेहि Kumaरूवाओ Jivabhi. 3.280; 3.906; ते णं भवणा बाहि बट्टा ... अच्छा सण्हा Ca(H.)2.86; अभंसि-दृसिअच्छं अफिटिभ-कहमाणणं महलाणं Kumaलण्डा...दरसणिज्जा अभिरूवा पडिरूवा Pannav.2.30(177);2.31(178); ते Ca.(H.)7.21; 7.64%; सुणिऊण पउर-वयणं राया गुरु-फोव-जायरत्तच्छो For Private and Personal Use Only
SR No.020162
Book TitleComprehensive Critical Dictionary of Prakrit Languages Volum 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA M Ghatage
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1996
Total Pages430
LanguagePrakrit, English
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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