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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir 'अच्चेयण 127 अच्छ आभरणारुणं करेति . Ivabhi. 3.457; अचेत्ता विउलाई भोगभोगाई मुंज- अच्छेज्ज वा चिटेज वा निसीएज वा तुयद्देज वा Viv. 1.1.21 माणा विहरंति Janbuddi. 2.1:20. (1.367); तं नो खलु जाया अम्हे इच्छामो तुभं खणमवि विष्पओगं, तं अच्चेयण (a-cceyana<a-cetana) adj. non-sentient, ina- अच्छाहि ताब जाया जाव (ताब) अम्हे जीवामो Viy. 9.33.85 (9.169); minate..Js. णियदेहस रिस्सं पिच्छिऊण परविग्गहं पयरोण। अयणं पि तए थे जियसनू राया सुवृद्धि एवं बयासी-अच्छम् ताव देवाणुप्पिया कइ. गहियं झाराजा परमभाएण MokPs.); अच्चेयणं पि चेदा जो मण्णइ सो वयाई वासाई ... भोगभोगाई मुंजमाणा तओ पच्छा ... पब्वइस्सामो Naya. हवेड अण्णाणी Mok Ph. 8; A. पवण-जणणि मुच्छाविय थिय अध्यणा 1.12.40; असमिक्खियभासिणो उपदिसंति सहसा ... करमकरा किंकरा य PinmCa.S.) 19.15.1.. एए. सयणपरियणो य कीस अच्छंति Panhi...135 तण्हाराहाविमुक्को अच्चेर (accera<ascarya) aty, wonderful, . रपणे मुसज्ज अच्छेज जहा अभियतित्तो Uvv. 185: Punar. 11: ते पच्छा अह तत्थ गीअं अबेरसुंदरअदल्लिरक्खे Srikav. 1.8 (comm. आश्चर्यभूतं दुक्खमच्छंति गलुच्छिन्ना झसा जहा Isi Bhis. 15.16: जे भिक्ख संभई सौन्दर्य यासां वल्लीनाम्) निधं से न अच्छइ मंटले Utt. 31.3: कस्स अट्ठा इमे पाणा ... वाडेहि अच्चेरं (acceram < ascaryam) intj. oh wonder :, . पंजरेहिं च संनिरुद्धा य अच्छहि Utt. ... 16; रोसण सूसयंतो सो कइ (शाण्डिल्य) अरं अन्नरं । अकुविदो णाम ताडेदि किल भअवो Bhag.Ajju. वि दिणे तहेव अच्छीही Tittha. (555; एयाइ गुणेमाणा अच्छति गिरि 11.9. पलोण्ता SATAPI.BY: JM. अह नाह को वि पुरिसो...1 अन्छर लीलाअच्चेल (a-ccela<a-cela). absence of garment, Apa. यंतो सुरो ब्व मंदाइणीसलिले PaumCa(V.) 10.50 तईसमयमणा ठिदिभोयणु अण्णु वि एय-भत्तु अचेल हुँचु अण्हाण वुत्तु PANAGu.(P.) अच्छइ मग्गं पलोयंती PumCa.(v.) 11.14; पत्ता नरिंदभवणं जत्थच्छइ 4.8.9. वसुमहाराया PanmCn.(V.) 11.30; ताच तुमं वीसत्थो अच्छसु Ch. अच्चेलक (a-ccelakka<a-celakya-a-cela-tva) n. tile (v.) 12.43 अच्छ पहू वीसत्थो जावेए रणमुहे विवाडेमि Puner(V.) state of being with out garments, (one of the ten श्रमणकल्पs), 12.101%; कीरति इमाई वणे अच्छउ पासत्थउल्लावो KUMAKA. 108.15: 3 अचललोचो वोससरीरदा य पटिलिहणं। एसो हु लिंगकप्पो चद- अच्छउ ता इथरजणो अंगे चिय जाड पंच भूयाई। ताई नियलजिजइ बिहो होदि उस्सग्गे BIRAra. s0; Mila. 910(10); णिभूसणं णिग्गंथं VijLax. 93; अच्छतु पेम्मनिब्भरतरुणीसंबंधबंधुरा भोगा MEIVTCH(G.) अञ्चलकं जगदि पुजं MON. 20(1): अचेलक्कुसिय ... समणकप्पो Mula. 165.5(2); ता अच्छंतु जमभडा सुरासुराणं पि दप्पदलणा जे Kina Prat. 911(10) 383.28 (राया) अत्थाणमंडवम्मी आसीणो अच्छई जाब SurS. अरचेलत्त (a-ccela-tta<a-cela-tva) m. garmentlessne9s, 1.120; मम पत्ती एरण सह अच्छद Ex. 1.25; भोगाण बजे किलिtihe state of being without garments, Apa. अन्चलक्त ण वि मणु स्सइ त्ति अम्हे जाणंता कीस अच्छामो त्ति पब्बः आ Ex. 10.30: सुषुचालह Cundappata.(Y.) 10.1.1. रिस गख्या रयणी अच्छामो एत्थ उज्जाणे Erz.75.12: अच्छए वदत्तो अच्चोदग (accodaga<aty-udaka) adj. [ also अच्चोयग] तीए, सह Ex. 64.1; अच्छउ अणणं पंचाणणस्स मग्गो वि दुब्बिसहो Httving expensive water, AM से दिव्वे अभवद्दलए, ... खिपामेव GARIKO. 735; ता अच्छइ( ? उ) इयरजणो हरेण देहवयं दिन्नं VijKeChu. नचोदगं नातिमट्टियं ... सलिलोदगं बासं वासंति Viy. 15.1.46 (15, 19); 3.7; 15. णिई पि अलहमाणो अच्छा विरहेण संततो SHAA..(V.) 115 तए गं.... अप्पेगइया देवा विजयं रायहाणि णचोदगं णातिमट्टियं ... दिव्वं अच्छइ अणंतकालं हिंडंतो जोणिलक्खेसु STAA.(V.) 177: लोयरमाणो जीवा मुरभि गंधोदगवासं वासंति Jivabhi. 3.447; (मूरियाभे देवे) आभिओ- देहपमाणो वि अच्छदे खेत्ते KattiAnm. 176; वियलिदिएसु जायदि तत्थ बि गिग देवे एवं वयासी-णचोदगं णाश्मट्टियं ... सुरभिगंधोदयवासं वासह अच्छेदि पुब्व-कोडीओ KattiAyu. "86; 1. अच्छउ दाव मणहरं पिआइ RAP1.9% B1%3; 81 मुहासणं अइमहग्धं GaSmSa. 1.68; अच्छउ ता जणवाओ हिअ चिय अच्चोरहरण (a-ccora-harana <a-cora-harana) adj. अत्तणो तुह पमाणं GASISM. 3.1; दुक्खं अस्मत्तमणोरहाई अच्छति मिहुwhteli eatmot he taken away tuy a thief, JI. पुरिसाणं विज णाई GaSS. 4.4:': (pass.) पोटुपटिएहि दुक्खं अन्छिज्जद उण्णपहि च्चिय अधोरहरणं तु मंडणयं BIBhir Ka 11. होऊण। इअ चिंतआग मण्णे थणाण कसणं मुहं जाअं GASnSa. 1.83; अच्छ- (accha - <?) ". [Viurn. (Gr.) अस्तेरच्छ: 12. 19 अंतो चिअ णिहुअं विहसिऊण अच्छंति विम्हिा ताहे। असुलह विजाहे (): Mark.(Gr.) अस्तेरच्छ: 7.116: Hem.(Gr.) गमिध्यमासाम् छः गरुआण ण कि पि संपडइ Gand Va. 9155 अच्छउ ता विहलुटरणगारवं 4.::15: Laksmi.(Gr.) 9.4.50: Kama.(Gr.) (अस्तेः स्थाने) Gandvt. 955: विजयाणंदागमणं झायंतो अच्छइ दिणम्मि 1.114. 942 अच्छोऽन्यत्र 4.10; Purug.(Gr.) अस्तेरच्छ 7.35 In practice संजमिओ दुट्ठभुयंगमेहि अच्छद महापुरिसो Lila. 10363 भणियं ता कि wriummarrians mst commentators use for अच्छ- the roots na and अच्छद अज वि मलयाणिलस्स सुओ Lila 1227; अच्छंतु के वि इह समयas-indiseriminately. Semintically अच्छ- Govers the meanings वारणा के वि वर्चतु Lila. 10678 अच्छउ ता णियछत Lilit: कि of both as-aulasTur. traces it to askgeti on purely phonetic अच्छह वीसत्था Chuda. 18% 3. (देवी) कप्पद्दमस्स अच्छउ नि तह grounds. In skt. as- Thes only the conjugational tenses but, संगमसणाहा RamMali. 3.143 (धात्री) तहि पि का वि जणो अहिअरिं as an uuxiliary, it lmg all tornms of both P. and A. Pkt. जो चितयंतो अच्छदि AviMa. 2.6.20; Apa. लोयालोउ बिसयल इह Feeehi- is available in all forms and can be translated as 'to अच्छहि विमलु णियंत Paramapps. 1.5; जिह दूरीहोइ ण मुहकमल। तिह be', 'to remain' ete.] to be, to exist, to remain, (in अच्छदु PaumCa.(S.) 6.4.2-4; सेरउ अच्छहि काइँ रणे Puumaas.) iinperative) let alone, let it be, let it remain, AMg. आया- 6.12.9; कि अच्छहु आगच्छदु जाहुँ भडारउ बंदहु PumCa(s.) 3.4.10 वई य गिम्हाणं अच्छ, उक्कुडए अभिवाते Ayar. 1.9.4.4; से णं परो देव देव किउ जेण महारउ, अच्छइ मत्तहत्थि अइरावउ Pance(s.) णेत्ता वएजा-आउसंतो समणा, मुहत्तगं मुहुत्तगं अच्छाहि Ayky. 2.6.26 11.3.43; अच्छउ तहाँ घर णियलई वस्तु PrumCia..) 10.8.63 गउलिय(598); तए णं से पोक्खली समणोवासए ते समणोवासए एवं वयासी- णयणुलउ विभियउ जामच्छमि कामगर्हि लियउ JusCa. 2.6.5; अच्छा अच्छह णं तुभे देवाणुप्पिया सुनिब्बुयवीसत्था Viy. 12.1.14 (12.8); पुहबीपियभोयरउ NayCa.(P.) 2.7.3; अच्छउ भोयणु ताहं धरि सिट्ठहं बयणु जीवे णं भंते गम्भगए समाणे उत्ताणए वा पासिलए वा अंबखुज्जए वाण जुत्तु SADhano. 30; अच्छहि एत्य काइँ णिचितउ PAYaCa.(P.) 5.5.73; For Private and Personal Use Only
SR No.020162
Book TitleComprehensive Critical Dictionary of Prakrit Languages Volum 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorA M Ghatage
PublisherBhandarkar Oriental Research Institute
Publication Year1996
Total Pages430
LanguagePrakrit, English
ClassificationDictionary
File Size22 MB
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