________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
विष-उपविषोंकी विशेष चिकित्सा-“संखिया"।
५३
पानी में घोलकर पिला दो । संखिया खाते ही इसके पी लेने से बहुत रोगो बच गये हैं । कत्थेसे भी क़य होकर ज़हर निकल जाता है।
(६) संखियाके विषपर शहद और अञ्जीरका पानी मिलाकर पिलाओ । इससे कय होंगी-अगर न हों तो उँगली डालकर लय कराओ। दस्त करानेको सात रत्ती 'सकमूनिया" शहदमें मिला कर देना चाहिये। ___ नोट-सकमूभियाको मेहमूदह भी कहते हैं । यह सफ़द और भूरा होता है तथा स्वादमें कड़वा होता है। यह एक दवाका जमा हुश्रा दूध है। तीसरे दर्जेका गरम और दूसरे दर्जेका रूखा है । हृदय, श्रामाशय और यकृतको हानिकारक तथा मूछ कारक है । कतीरा, सेब और बादाम-रोगन इसके दर्पको नाश करते हैं । यह पित्तज मलको दस्तोंके द्वारा निकाल देता है। जिस दस्तावर दवामें यह मिला दिया जाता है, उसे खूब ताक़तवर बना देता है। वातज रोगों में यह लाभदायक है, पर अमरूद या बिहीमें भुलभुलाये विना इसे न खाना चाहिये । - (७) तिब्बे अकबरीमें, सफेदे और संखियेपर मक्खन खाना
और शराब पीना लाभदायक लिखा है। पुरानी शराब, शहदका पानी, ल्हसदार चीजें, तर खतमीका रस और भुसीका सीरा--ये चीजें भी संखियेवालेको मुफीद हैं।
(८) बिनौलोंकी गरी निवाये दूधके साथ पिलानेसे संखियाका विष उतर जाता है।
नोट-बिनौलोंकी गरी पानी में पीसकर पिलानेसे धतूरेका विष भी उतर जाता है। बिनौले और फिटकरीका चूर्ण खानेसे अनीमका ज़हर नाश हो जाता है। बिनौलोंकी गरी खिलाकर दूध पिलानेसे भी धतूरेका विष शान्त हो जाता है। ___ सूचना-धतूरेके विषमें जिस तरह सिरपर शीतल जल डालते हैं, उस तरह संखिया खानेवालेके सिरपर शीतल जल डालना, शीतल जल पिलाना, शीतल जलसे स्नान कराना या और शीतल पदार्थ खिलाना-पिलाना, चाँवल और तरबूज़ वारः खिलाना और सोने देना हानिकारक है । अगर पानी देना ही हो, तो गरम देना चाहिये ।
For Private and Personal Use Only