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को दस्त साफ न होनेकी शिकायत बनी रहती है। इसके लिये लोग मारे-मारे फिरते हैं । जरा-सी बातको विदेशी दवा लेकर अपने धनधर्मको जलांजलि दे बैठते हैं।
यह चूर्ण रातको फाँककर सो जानेसे सवेरे एक दस्त खूब साफ हो जाता और भूख खुलती है । दस्त साफ रहनेसे कोई और रोग भी नहीं होता । खाने में दिक्कत नहीं । परहेजकी ज़रूरत नहीं। दाम १० खुराककी शीशीका ॥) आना मात्र है।
प्रदान्तक चूर्ण । ___ अजीर्ण, गर्भपात, अतिमैथुन, अत्यन्त भोजन, दिनमें सोने और सोच करनेसे स्त्रियोंको चार प्रकारका प्रदर-रोग होता है। इसमें गुप्तस्थानसे लाल, पीला, काला मांसके धोवनके समान जल बहता है। इसका इलाज न होनेसे औरतोंको बहुमूत्र रोग हो जाता है। फिर वे बेचारी शर्म-ही-शर्ममें अपने प्यारे माँ-बाप, भाई-बन्धु व पतिको रोताकलपता छोड़ यम-सदनको सिधार जाती हैं। इस वास्ते इस रोगके इलाजमें ढिलाई करना नादानी है । हमारा आजमूदा प्रदरान्तक चूर्ण, पथ्यसहित, कुछ दिन सेवन करनेसे, चारों प्रकारके प्रदरोंको इस तरह नाश करता है, जैसे सूर्य भगवान् अन्धकारका नाश करते हैं। दाम १ शीशी २)
सर्व सोजाक-नाशक चर्ण । __ यह चूर्ण पेशाबके समस्त रोगोंपर रामवाणका काम करता है। इसको विधानपत्रानुसार सेवन करनेसे पेशाबकी जलन, पेशाबका बूंदबूंद होना, पेशाबके साथ .खून या पीप आना, धोतीमें पीला-पीला दाग़ लगना, पेड़ का भारी रहना, बालकोंका पेशाब चूना-सा जम जाना, पेशाब बन्द हो जाना, पेशाब मट-मैला, गदला या तेल-सा होना अथवा गर्म होना आदि समस्त पेशाबकी बीमारियाँ इस चूर्णसे निस्सन्देह नाश हो जाती हैं । जिनका सोजाक पुराना पड़ गया हो
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