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३६८ .. चिकित्सा-चन्द्रोदय ।
उपाय-इस हालतमें, यानी गरमी और खुश्कीसे रोग होनेकी दशामें, तरी पहुँचानेवाली दवा या गिज़ा दो । ऐसी दवाएँ बाँझ-चिकित्सामें लिखी हैं।
चौथा कारण । __ (४) अगर सूजन आ जानेकी वजहसे रजका आना बन्द हो गया हो, तो उसका इलाज और पहचान सूजन रोगमें लिखी विधिसे करो। ___ उपाय--हल्दीको महीन पीसकर और घीमें मिलाकर, उसमें रूईका फाहा तर कर लो और उसका शाफा बनाकर गर्भाशयमें रखो । इस नुसख़ से गर्भाशयकी सूजन तो नाश हो ही जाती है, इसके सिवा और भी लाभ होते हैं।
पाँचवाँ कारण । (५) अगर गर्भाशयके घाव भर जाने और रगोंकी तह बन्द हो जानेसे मासिक धर्म बन्द हुआ हो, तो इस रोगका आराम होना असम्भव है । पर मासिक बन्द होनेवालीको हानि न हो, इसके लिए उसे फस्द खुलवानी, सदा मवाद निकलवाना और मिहनत करनी चाहिये।
छठा कारण । (६) अगर गर्भाशयपर मस्सा हो जाने या गर्भाशयके मुंह और छेदपर ऐसी ही कोई चीज़ पैदा हो जानेसे रज आनेकी राह रुक गई हो
और उससे रजोधर्म बन्द हो गया हो या सम्भोग भी न हो सकता हो, तो उचित इलाज करना चाहिये । ऐसी औरतको जब रजोधर्मका समय होता है, बड़ी तकलीफ़ और खिंचाव-सा होता है। उपाय-(१) इलाज मस्सोंकी तरह करो। (२) फस्द प्रभूति खोलो।।
सातवाँ कारण । (७) अगर अधिक मुटापेकी वजहसे गर्भाशयके मार्ग दबकर बन्द हो गये हों, तो उचित उपाय करो।
उपाय-(१) फस्द खोलो।
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