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सर्प-विषकी सामान्य चिकित्सा ।
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Samanthamaniaunuhunmun
सूचना--विष खानेवाले और हैज़ वालेको ज़हरमुहरा बड़ी जल्दी आराम करता है । हैज़ा तो २।३ मात्रामें ही आराम हो जाता है । देने की तरकीब वही, जो ऊपर लिखी है।
(६४) साँपके काटे आदमीको, बिना देर किये, तीन-चार माशे नौसादर महीन पीसकर और थोड़ेसे शीतल जलमें घोलकर पिला दो। इसके साथ ही उसे तीन-चार आदमी कसकर पकड़ लो और एक आदमी ऐमोनिया सुँघाओ । ईश्वर चाहेगा, तो रोगी फौरन ही आराम हो जायगा । कई मित्र इसे आजमूदा कहते हैं।
नोट-ऐमोनिया अँग्रेज़ी दवाखानों में तैयार मिलता है। लाकर घरमें रख लेना चाहिये । इससे समयपर बड़े काम निकलते हैं। अभी इसी सालकी घटना है। हमारी ज्येष्ठा कन्या चपलादेवीका विवाह था। हमारे एक मित्र मय अपनी सहधर्मिणीके लखनऊसे आये थे। फेरोंके दिन, औरोंके साथ, उनकी पत्नीने भी निराहार व्रत किया । रातके बारहसे ऊपर बज गये । सुना गया कि, वह बेहोश हो गई हैं। हमारे वह मित्र और उनके चचा घबरा रहे थे। रोगिणीका साँस बन्द हो गया, शरीर शीतल और लकड़ी हो गया । सब कहने लगे, यह तो ख़तम हो गई। हमने कहा, घबराओ मत, हमारे बक्समेंसे अमुक शीशी निकाल लाप्रो । शीशो लाई गई, हमने काग खोलकर उनकी नाकके सामने रखी। कोई दो मिनिट बाद ही रोगिणी हिली और उठकर बैठ गई। कहाँ तो शरीरकी सुध. हो नहीं थी; लाज-शर्मका ख़याल नहीं था; कहाँ दवाका असर पहुँचते ही उठकर कपड़े ठीक कर लिये । सब कोई आश्चर्यमें डूब गये । हमने कहा-श्राश्चर्यकी कोई बात नहीं है । "ऐमोनिया" ऐसी ही प्रभावशाली चीज़ है। __ कई बार हमने इससे भूतनी लगी हुई ऐसी औरतें पाराम की हैं, जिन्हें अनेक स्याने, भोपे और श्रोझे आराम न कर सके थे। दाँत-डाढ़के दर्द और सिरकी भयानक पीड़ामें भी इसके सुंघानेसे फौरन शान्ति मिलती है। __ अगर समयपर ऐमोनिया न हो, तो श्राप ६ माशे नौसादर और ६ माशे पानमें खानेका चूना-दोनोंको मिलाकर एक अच्छी शीशी या कपड़ेकी पोटली. में रख लें और सुंघावें, फ़ौरन चमत्कार दीखेगा। यह भी ऐमोनिया ही है, क्योंकि ऐमोनिया बनता इन्हीं दो चीज़ोंसे है। फर्क इतना ही है कि घरका ऐमोनिया समयपर काम तो उतना ही देता है, पर विलायतवालेकी तरह टिकता नहीं । बहुतसे आदमी हथेलीमें पिसा हुअा चूना और नौसादर बराबर-बराबर
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