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का वद्धि-क्रम
५४२
विषय , पृष्ठांक विषय
पृष्ठांक योनि
५३६ अरु षिका-चिकित्सा ५६७. ५३७
वृषण कच्छू चिकित्सा आर्तव-सम्बन्धी बातें
कखौरी चिकित्सा ५६८ मैथुन
दारुणक-रोग चिकित्सा ५६६ गर्भाधान
राजयक्ष्मा और उरःक्षतकी नाल क्या चीज़ है ?
चिकित्सा
५७१ कमल किसे कहते हैं ? ५४१
यक्ष्माके निदान और कारण १७१
५४२ पूर्वकृत पाप भी क्षयरोगके कारण हैं५७५ गर्भगर्भाशयमें किस तरह रहता है१४४ । यक्ष्मा शब्दकी निरुक्ति ५७५ बच्चा जनने में किन स्त्रियोंको कम और क्षयरोगकी सम्प्राप्ति १७६ किनको ज़ियादा कष्ट होता है ? ५४४ । क्षयके पूर्वरूप बच्चा जननेके समय स्त्रीके दर्द पूर्वरूपके बादके लक्षण ५८० क्यों चलते हैं ? ५४५
राजयक्ष्माके लक्षण
५८० इतनी तंग जगहोंमें-से बच्चा
त्रिरूप क्षयके लक्षण प्रासानीसे कैसे निकल आता है? ४४५
पहला दर्जा
राजयक्ष्माके लक्षण बाहर आते ही बच्चा क्यों रोता है ? ५४६
षट्रूप क्षयके लक्षण अपराके देरसे निकलने में हानि ५४६
दूसरा दर्जा प्रसूताके लिये हिदायत १४६
दोषोंकी प्रधानता-अप्रधानता २८२ क्षुद्र रोग चिकित्सा ५४८
स्थान-भेदसे दोषोंके लक्षण । ५८३ झाँई वगैरकी चिकित्सा ५४८ साध्यासाध्यत्व
५८३ मस्सोंकी चिकित्सा ५५४ साध्य लक्षण
२८३ मस्से और तिलोंकी चिकित्सा ५५६
असाध्य लक्षण
क्षय-रोगका अरिष्ट २८४ पलित रोग-चिकित्सा ५५८
क्षय-रोगीके जीवनकी अवधि ५८५ इन्द्रलुप्त या गंजकी चिकित्सा५६२ चिकित्सा करने योग्य क्षयरोगी ५८६ निदान-कारण
निदान विशेषसे शोष विशेष १८७ स्त्रियोंको गंज रोग क्यों नहीं होता ५६२ | शोष रोगके और छ भेद ५८७ बाल लम्बे करनेके उपाय ५६६ व्यवाय शोषके लक्षण २८७
iGG iiiiii
२८१
१८४
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