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॥ राजनगर मण्डन श्री आदीश्वराय नमः ॥ ॥ शासनप्रभावक श्रा वृद्धि-नेमि-उदयसूरीश्वरेभ्यो नमः ॥
卐 चत्वारि प्रकरणानि॥ (श्री जीवविचार, श्री नवतत्व, श्री दण्डक, श्री लघु सङ्ग्रहणो (श्री जम्बूद्वीपक्षेत्र संग्रहणी)
वृत्त्यलकृत - सावरिकम्
ल शुभाशिष एवं प्रेरक प्रशान्तमूर्ति परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजयउदयसूरीश्वरजी म. सा. पट्टालंकार निडरवक्ता परम पूज्य आचार्य भगवन्त श्री विजयमेरुप्रभसूरीश्वरजी म. सा. संपादकः प. पू. आ. भ. श्री विजयमेरुप्रभसूरीश्वरजी म. सा. शिष्यरत्न पू. पं. श्री इन्द्रसेनविजयजी गणि.
संकलक:-पूज्यपाद श्री शिष्यरत्न पू. गणि. श्री सिंहसेन विजयजी म. प्रकाशक:-श्री जैन ग्रन्थ प्रकाशक सभा-अहमदाबाद.
वि. सं. २०४२ वीर सं. २५१२ ज नेमि सं. ३७ 80000000000000000dopoooooooooo0000000dogargogans
గంధం
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