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(४१) लोये संयम भार ॥ बार वरस छमस्थ मान, लही केवल सार ।।२।। श्रीश वरस एम सवि मली ए, बहोतेर आयु प्रमाण ॥ दीवाली दिन शिव गया, कहे नय तेह गुगखाण ।। ३ ॥ इति महावीर सामों निर्वाण चैत्यवंदन. त्रयम् ।।
॥ पांचमुं॥ ॥ नमो गणधर, नमो गणघर, लन्धि भंडार।। इंद्रभूति महिमा निलो, वड वजीर महावीर केरो ॥ गौतम गोत्रे उपन्यो, गणि अ. ग्यार माहे वडेरो ॥ केवलज्ञान लघु जिणे, दोवालो परमात ॥शान विमल कहे जेहना, नाम यकी मुखशात ॥१॥
॥छटुं ॥ ॥ इंद्रभूति पहिलो भ', गौतम जस नाम ॥ गोबर गामे उपन्या, विद्याना धाम ॥१॥ पंचसया परिवारशुं, लेई संयम भार ॥ वरस पचास गृहे वश्या, व्रते वर्षन प्रोश ॥२॥ बार वरस केवल वरचाए, बाणुं वरस सवि आय ।। नय कहे गौतम नामयी, नित्य नित्य नवनिधि थाय ॥३॥
॥ सातमुं॥ ॥जोवकेरो जीवकेरो, अछे मनमाहि ॥ संशय वेद पदे करी, कही अर्थ अभिमान वारयो । श्री महावीर सेवा करी, ग्रही संयम आप तारयो । त्रिपदि पामी गुंथीया, पूरब चउद उदार ।।
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