________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
५०९
॥ विमलेश्वर जक्ष सेवा ( सांनिध्य ) सारे, आपदा कष्ट सवी दुर निवारे, दोलत लक्ष्मी वधारे ॥ मेघविजय कवि रायनो शीश, हैडे भाव धरी जगीश, विनय विजय निशदिश ॥४॥
॥श्री पर्यषणनी थोय ।। ॥ वरस दिवसमां अषाड चोमासुं, तेहमा वली भादरवो मास, आठ दिवस अति खास ॥ पर्व पज्जुसण करो उल्हास, अट्ठाइधरनो करवो उपवास, पोसह लीजे गुरु पास ॥ वडा कल्पनो छ8 करीजे, तेह तणो वखाण सुणीजे, चौद सुपन वांचीजे ॥ पडवेने दिन जन्म वंचाय, ओबव महोबव मंगल गवाय, वीर जिणेसरराय ॥ १॥ बीज दिने दीक्षा अधिकार, सांज समय निरवाण विचार, वीर तणो परिवार ॥ त्रीज दिने श्रीपार्श्व विख्यात, वली नेमीसरनो अवदात, वली नवभवनी वात ॥ चोविशे जिन अंतर तेवीश, आदि जिनेश्वर श्रीजगदीश, तास वखाण सुणीश ।। धवल मंगल गीत गहूंली करीए, वली प्रभावना नित अनुसरीए, अट्ठम तप जय वरीए ॥२॥ आठ दिवस
For Private And Personal Use Only