________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
કરણ सारि बेलो ॥ अ०॥ १६ ॥ इंद्रे वखाण्यो तेहवो, दिठो उपागरि बेलो ॥ अ० ॥ आज पछि हूं ताहरो, सुर आज्ञाकारि बेलो॥ अ०॥ १७॥जीव दयावत पालिने, निज काया सुधारि बेलो ॥ अ०॥ राजा पोहतो मं. दिरे, निज पोसह पारि बेलो ॥अ० ॥ १८ ॥ बारमे जावे लाधो सहि, दोय पदवि सारि बेलो ॥ अ० ॥ तिर्थकर थयो सोलमो, पांचमो चक्रधारि बेलो ॥अ॥ ॥१९॥ शांति जीनेसर विनति, चितमे अवधारि बेलो ॥ अ० ॥ शांति विजय कहे थांयजो, संघ मंगलकारि बेलो ॥ अहो० ॥२०॥ इति शांतिजीन स्तवनम् ॥
सिद्ध दंडोका स्तवन, ॥ दूहा ॥ श्री रिसहेसर पाय नमि, पामि सु गुरु पसाय ॥ सिद्ध तणा गुण गाय वा, मुज मन हरख न माय ॥१॥ तिर्थ माहे जिम सिद्धगिरि, देवमांहे अरिहंत ॥पदमाहे सिवपद मोटकुं, रुषभनो वंस कहंत ॥२॥ जेना वंसमा पाटवि, बहूला मोक्षमा जाय ॥ अथवा अनुत्तर पद लहे, एक जवि ते कहाय ॥३॥
For Private And Personal Use Only