________________ Shri Mabawy Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyawadir पुराकृतम् // 22 // तथाच // दुर्गसंसारकांतारमपारमधिधावताम् // एकोवि ष्णुनमस्कारोमुक्तितीरस्यदेशिकः // 23 // इतिचरणोदकादिविधिः॥ // अथ / / पूजामंत्रविधिः॥ तथाच॥ ॥पंचरात्रविधानेनयथावैखानसेनवा।स्मृत्युक्ते / नाथवाकुर्याक्रियालोपंनकारयेत् // 1 // ॥तत्रादौश्रुत्युक्तप्रमाणं // ॐa सहस्रशीर्षापुरुषःसहस्राक्षःसहस्रपात् // सभूमि सर्वतस्मृत्वात्यतिष्ठदशांगुल म॥३॥ // इत्यावाहनं // ॥ॐ पुरुषएवेदश्सर्वयद्भूतंयच्चभाव्यं / उता मृतत्वस्येशानोयदन्नेनातिरोहति // इत्यासनम् ॥२॥ॐ एतावानस्यमहि / माऽतोज्यायांश्चपूरुषः॥पादोऽस्यविश्वाभूतानि त्रिपादस्यामृतंदिवि // इति / पाद्यम् ॥३॥ॐ त्रिपादूर्ध्वउदैत्पुरुषःपादोस्येहाभवत्पुनः॥ ततोविष्वङ्ख्य कामत्साशनानशनेअभि // इत्यर्षम्॥४॥ ततोविराडजायतविराजोअधि For Private And Personal