________________ Shristi Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyuwandir बृ.वे.॥२७॥ रामनाम्नःपरंकिंचित्तत्त्ववेदेस्मृतिष्वपि // संहितासुपुराणेषुनैवतंत्रेषु रा.प. विद्यते // 28 // // अथर्वणेरामतापनीये // // अकाराक्षरसंभूतःसौमि 28 त्रिर्विश्वभावनः॥ उकाराक्षरसंभूतःशत्रुघ्नस्तैजसात्मकः // 29 // प्रज्ञात्मकस्तु भरतोमकाराक्षरसंभवः॥अईमात्रात्मकोरामोब्रह्मानंदैकविग्रहः॥३०॥श्रीरा मसान्निध्यवशाजगदानंददायिनी॥ सृष्टिस्थितिलयानांचकारिणीसर्वदेहिनाम् 31 // सीताभगवतीज्ञेयामूलप्रकृतिसंज्ञिता // प्रणवात्प्रकृतिरितिवदंतिब्रह्म वादिनः॥३२॥ // इत्यादिश्रुतिस्मृतिभिःश्रीरामचंद्रस्यप्रमाणपरमा|| त्मत्वंप्रसिद्धं // अथप्रातःस्नानार्थोद्यमः॥ // समुद्रमेखलेदेविपर्वतस्तन मंडले॥ विष्णुपत्निनमस्तुभ्यंपादस्पर्शक्षमस्वमे // 1 // इतिपृथिवींसंप्रार्थ्य। श्रीमान्साधकेंद्रोदक्षिणांगेनसमुत्थायश्वासानुसोरणतस्यांपादौनिधायशौचाय For Private And Personal