________________ Shri Margirain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Praomandir बृ . 標然染染染染於紫****於*** यत्रयत्रगुरुंपश्येत्तत्रतत्रकृतांजलिः // प्रणमेहंडवद्भूमौछिन्नमूलतरुस्तथा॥६॥ गुरुशय्यासनंपानंपादुकापादपीठकम् // वस्त्रंछायांतथाशिष्योलंघयेनकदाचन // 7 // गुरुसन्निहितेयस्तुपूजयेदन्यमग्रतः // नसद्गतिसमाप्नोतिपूजनंतस्यनि फलम् // ८॥ध्यानमूलंगुरोर्मूर्तिःपूजामूलंगुरोःपद।मंत्रमूलंगुरोवाक्यंभक्तिमू / लंगुरोःकृपा ॥९॥गुर्वधारयेद्देहंगुर्वथैवनोपार्जनं // गुरोःशुश्रूषणकार्यदेह प्राणवनैरपि // 10 // ॥भागवते॥ // सायंप्रातरुपानीयक्षेक्ष्यंतस्मनि वेदयेत् // यच्चान्यदप्यनुज्ञातमुपयुंजीतसंयतः॥ 11 // शुश्रूषमाणआचार्य सदोपासीतनीचवत् // यानशय्यासनस्थानैर्नातिदूरात्कृतांजलिः // 12 // आचार्याधीनवृत्तिस्तुयावज्जीवंभवेत्सदा // यावच्छरीरपातंतुदयमावर्तयेन्म नुम् // 13 // येनकुवैतिगुर्वाज्ञापापिष्ठास्तेनराधमाः॥नतेषांनरकक्केशान्निस्ता 路路路路路路路路路路********** For Private And Personal