________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailashsagarsuri Gyer pendir रा.प. ब्रह्माभृगुश्चनारदः॥३२॥॥इतिचरणसेवन॥ // मंत्रहीनंक्रियाहीनंभक्तिहीन / परात्परापूजितोसिमयादेवपरिपूर्णतदस्तुमे॥३२॥ ॥इतिस्तुतिकाआवाहनं न जानामिनजानामिविसर्जनम्॥पूजांचैवनजानामित्वंगतिःपरमेश्वर॥३॥ तिविसर्जनमंत्रः॥आसनस्वागतंपाद्यमय॑माचमनीयकम।मधुपर्काचमनंना नवसनाभरणानिय // 34 // सुगंधंसुमनोधूपंदीपनैवेद्यमेवच // प्रार्थनाचरणा र्चनाचअर्पणानिचषोडश // 35 // // इतिपंचरात्राक्तपूजाविधिः समाप्तः॥ // अथागस्त्यसंहितोक्तपूजाविधिर्निरूप्यते // ॥सुतीक्ष्णउवाच // हदयेमानसीपूजाकीदृशीवदमेप्रभो // उपचारैः कतिविधैः पूज्यतेरघुनंदनः |॥१॥॥अगस्त्यउवाच // रामपद्मविशालाक्षेनीलाम्बुदसमप्रभम् // स्मित वक्रंसुखासीनंचिंतयेचिंतितार्थदम् // 2 // रागादिकलुषंचित्तवैराग्येणसुनिर्मलं। For Private And Personal