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वाच्यं
९४९
वाडवः
वाच्यं (नपुं०) कलंक, निन्दा।
वाजीकरण (वि०) शक्ति विशेष, कामक्रीड़ा से उत्तेजित। अभिव्यक्त अर्थ जो अभिधा द्वारा ज्ञात हो। लक्ष्य, व्यंग। शरीर पुष्टि के लिए प्रयुक्त प्रयोग। (वीरो०८/३५) ०वाच्यवैचित्र्यप्रतिभासादेव चारुताप्रतीतिः। (काव्य प्रकाश | वाञ्छ (सक०) चाहना, अभिलाषा करना, इच्छा करना। १०)
(जयो० वीरो० ९/७१) (सुद० १३१) विधेय-क्रिया की वाच्यता।
वाञ्छक (वि०) इच्छुक। (मुनि० २४) वाच्यता (स्त्री०) वचन योग्यता। (जयो०वृ० ११/८३) वाञ्छनं (नपुं०) चाह, इच्छा, कामना, अभिलाषा। (सुद० ४/४२) निन्दा, कलंक, अपमान। (जयो०वृ० ११/८३, जयो०
वाञ्छा (स्त्री०) इच्छा, चाह। (जयो०७० ४/४१) अभिलाषा, १/१८)
कामना। (सुद० १२६) तृष्णा, पिपासा (जयो०६/८१) ०अभिधेय, अभिधानीय, गुणवाचक विशेषण। नकुलस्य
वाञ्छिका (स्त्री०) इच्छा, अभिलाषा। (जयोवृ० १२/२०) वाच्यता अभिधेयः।
वाञ्छित (वि०) [वाञ्छ+क्त] अभिलाषित। (जयो० १७/२७) सार्थका। (जयो० ११/१३)
इच्छित, अभीष्ट, अभिलषित, ईहित (जयो० ३/६३) वाच्यत्व (वि०) वचन विशेषता। (सम्य० १४२)
(जो० २/९३) वाच्य-वाचकः (पुं०) वाच्य और वाचक। (जयो०५/४५)
वाञ्छितं (नपुं०) इच्छा, चाह। साध्य साधन, लक्ष्य-लक्षी।
वाञ्छितदायिनी (वि०) कामदा। (जयो० ११/९४) वाजः (पुं०) [वज्+घञ्] बाजू, डैना।
वाञ्छाकत्री (स्त्री०) तृषा करने वाली। (जयो०वृ० २२/५) ०पंख, बाज पक्षी।
वाञ्छापूर्ति (स्त्री०) आकांक्षा की पूर्ति, कामनापूर्ति। (सुद०९२)
वाञ्छारहित (वि०) कामना रहित। (जयो०वृ० १६/४४) ०बाण का पंख।
वाञ्छितार्थ (वि०) इच्छार्थ। (वीरो० ९/५). युद्ध, संग्राम।
वाञ्छितप्राप्ति (स्त्री०) इच्छापूर्ति। (जयो० १९/६८) ०ध्वनि।
___ अभीष्टसिद्धि। (जयो०वृ० २३/३५) वाजं (नपुं०) घृत, स्त्री।
वाञ्छिन् (वि०) [वाञ्छ्+णिनि] ०अभिलाषी, इच्छुक। ___ जल, वारि।
वाञ्छैकसम्भावना (स्त्री०) इच्छा की अद्वितीय सम्भावना। वाजपेयः (पुं०) यज्ञ मंत्र।
(जयो० १७/१२) वाजसनेयिन् (पुं०) शुक्लयजुर्वेद का अनुयायी।
वाटः (पुं०) [वट्+घञ्] बाड़ी, घेरा, वाजिन् (पुं०) [वाज+इनि] अश्व, घोड़ा। (जयो० ३/११४)
०श्मशान। (जयो० ३/२७) (दयो० २८)
उद्यान, उपवन, वाटिका, बगीची। ०बाण।
वाटिका (स्त्री०) बगीची, उपवन, पक्षी, बाजपक्षी।
उद्यान, उपवन, रम्य भूखण्ड। वाजिकञ्चकः (पुं०) थामना। (जयो० १३/३८)
०आरामगृह, फलोपवन। वाजिपृष्ठः (पुं०) गोल सदाबहार।
वाटी (स्त्री०) [वाट ङीष] वाटिका, बगीची। (समु०५/१८) वाञ्छिनिष्पत्ति (स्त्री०) इच्छापूर्ति।
उपवन, आरामस्थल, विश्राम स्थल। वाजिभक्षः (पुं०) छोटी मटर, बठरा।
०आवास, निवास भू-भाग। वाजिभोजनः (पुं०) लोबिया।
०सड़क, राजपथ। वाजिमेधः (०) अश्वमेध यज्ञ।
पानी रोकने के लिए बांध, वरबन्ध। वाजियोग्यः (पुं०) जीतने योग्य। (वीरो० १७/१४)
०मोटे आटे से निर्मित गोलाकार रोटी। वाजिशाला (स्त्री०) अस्तबल, घुड़साल।
वाद्या (स्त्री०) अतिवला नामक पौधा। वाजिराजि (स्त्री०) घोड़ों का समूह। (जयो० १३/२३) वाड् (अक०) स्नान करना, नहाना, डुबकी लगाना। वाजीकर (वि०) [वाज+त्त्वि+कृ+अच्] कामक्रीड़ा से पीड़ित। | वाडवः (पुं०) [वडवाया अपत्यं वडवानां समूहो वा अण्]
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