________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
बृहद् संस्कृत-हिन्दी शब्द कोश
१२५८
पारिभाषिक शब्द
स्थूल-स्थूल-जो अलग करने पर अलग हो जाये और मिलाने | स्वयंबुद्ध-बाह्य कारणों के बिना स्वयं विरक्त होने वाले मुनि। पर न मिले जैसे पत्थर आदि।
स्वोद्दिष्टपरिवर्जन-उद्दिष्टत्याग नामक ग्यारहवीं प्रतिमा। इसमें स्थूल-सूक्ष्म-जो आंखों से दिखे पर पकड़ने में न आये जैसे
अपने उद्देश्य से बनाये हुए आहार का भी त्याग हो चांदनी आतप आदि।
जाता है। स्पर्श-सम्यादर्शन का पर्यायान्तर नाम।
स्त्रगङ्ग-सब प्रकार की मालाएं देने वाला कल्पवृक्ष।
For Private and Personal Use Only