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रमणीधाम
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रविप्रभः
रमणीधामं (नपुं०) तरुणी तेज, कान्तास्थान। (जयो० १०/११९) | रम्यफलं (नपुं०) अच्छे फल। रमणीमणि (स्त्री०) स्त्रीरत्न। (जयो० ३/६४)
रम्यभावः (पुं०) मनोहर परिणाम। रमन्ते (वर्त०) रमण करते हैं।
रम्यशाला (स्त्री०) सुंदर क्रीड़ा स्थल। रममाण (रम्+शानच्) क्रीड़ा करने वाले। कालक्षेपं चकारासौ रय् (सक०) जाना, पहुंचना। रममाणो निजेच्छया। (वीरो० ८/१३)
रयः (पुं०) नदी प्रवाह। रमा (स्त्री०) [रमयति-रम्+अच+टाप्] ०पत्नी, स्त्री, स्वामिनी। ०बल, सैन्य। लक्ष्मी। (दयो० २७) (सुद० ३/३८) ।
गति, वेग। (जयो० ६/१०६) (जयो० ६/२२) शोभा, कान्ति, प्रभा, आभा। (जयो० ११/५९)
रय। वर्णन, विवेचन (जयो० ४/६५) कौशरस्य समुपेत्य ०धन-सम्पत्ति।
शुचित्वं शारदोदयरयेऽस्तु कवित्वम्। रमाकान्तः (पुं०) विष्णु।
उत्साह, उत्कण्ठा। रमानाथः (पुं०) विष्णु।
रयात् (अव्य०) शीघ्रमेव। (जयो० ९/६२) रमारती (वि०) अर्थ काम पुरुषार्थी। 'रमा च रतिश्च रमारती रल्लकः (पुं०) [रमणं रत्-इच्छा तां लाति ला+क-रल्ल+कन्] ____ अर्थकामपुरुषार्थों' (जयो० २/१०) ।
कम्बक, ऊनी वस्त्र। रमासमाजः (पुं०) स्त्री समूह। (जयो० १/६३)
रवः (पुं०) (रु+अप्) क्रन्दन, चीख, चीत्कार, चिंघाड़। रमितुं (रम्+तुमुन्) रमण करने के लिए। (सुद० ११३)
०शब्द, कोलाहल, झनझनाहट। रम्भा (स्त्री०) कदली, केला। (सुद० ७२) (सुद० ७१) घंटा, भूषण, चाप।
(जयो० १०/९३, १२/२५) 'जितापि रम्भा विधुजन्मदात्री' रवण (वि०) क्रन्दन करने वाला, चिंघाड़ने वाला। (जयो० ५/८१)
ध्वन्यात्मक, शब्दायमान। स्वर्ग अप्सरा।
तीक्ष्ण, तप्त। रम्भाजिता (वि०) रम्भा नामक अप्सरा को जीतने वाली। चंचल, अस्थिर।
'तरुणी रम्भा तरुणवयस्का रम्भा नाम स्वर्वेश्यापि जिता रवण: (पुं०) ऊंट। पराजिता' (जयो०वृ० ११/२१)
रवणं (नपुं०) पीतल, कांसा। रम्भातरु (पुं०) कदलीवृक्ष। (जयो० ११/२१)
रविः (पुं०) [रु+इ] सूर्य, दिनकर, भानु। (सुद० ३/१) रम्भाव्यञ्जनं (नपुं०) कदली शाक। (जयो० १२/३०)
* अर्क (जयो० ४/२५) 'सुमहोऽभिकलितलोको रविरिव रम्य (वि०) [रम्यतेऽत्र यत्] सुखद, रमणीय, लुहावना। वा केवलालोकः' (वीरो० ४/४२) आनन्दप्रद। (सुद० ८७)
अर्ककीर्ति राजा, रविकीर्ति राजा। (जयो० ४/२५) सुन्दर, प्रिय, मनोहर।
रविकरः (पुं०) सूर्यकिरण। (जयो० ५/२२) रम्यः (पुं०) चम्पक वृक्ष।
रविकलः (पुं०) सूर्यकिरण, भानुकला। (सुद०) रम्यकः (पुं०) जम्बूद्वीप स्थित चौथा क्षेत्र।
रविकान्तः (पुं०) सूर्यकान्तमणि। रम्यगत (वि०) रमणीयता को प्राप्त।
रविकीर्ति (पुं०) अर्ककीर्ति राजा, अकंपन देश का राजा। रम्यजातिः (स्त्री०) सुंदर उत्पत्ति।
रविजः (पुं०) शनिग्रह। रम्यतरु (पुं०) लुहावने वृक्ष।
रवितनयः (पुं०) शनिग्रह। रम्यदर्शन (नपुं०) सुदर्शनी, देखने में अत्यन्त प्रिय। (जयो० रविदिनं (नपुं०) रविवार। १३/६६)
रविधामं (नपुं०) सूर्य का स्थान। रम्यधारा (स्त्री०) सुरम्य प्रवाह।
रविपुत्रः (पुं०) शनिग्रह। रम्यनारी (स्त्री०) सुंदर स्त्री।
रविप्रसादः (पुं०) सूर्य रूपी दीपक। (सुद० ११७) रम्यपद (नपुं०) उचित स्थान।
रविप्रभः (पुं०) एक देव, सौधर्म सभा का एक देव। (जयो० रम्यपादपः (पुं०) सुंदर वृक्षावली।
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