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शशिभृत्
१०५७
शस्त्रोत्तेतनपाषाणं
शशिभृत् (पुं०) महादेव, शिव। शशिमौलिः (पुं०) महादेव, शिव। शशिलेखा (स्त्री०) चन्द्र किरण। शशिशेखः (पुं०) महादेव, शिव। शशिहरः (पुं०) सूर्य, दिनकर, रवि। शशिहर (वि०) चन्द्रापहारक। (जयो० २५/३७) शश्वत् (अव्य०) [शश्व त्] लगातार, अनारत, निरन्तर। ।
(जयो०२३/५९)
सदा के लिए, सतत्, बार-बार, सदैव। (वीरो० २१/१५) बहुशः पुनः पुनः (सुद० १०२) शश्वतकृतिन् (स्त्री०) शाश्वतबुद्धि। (जयो० १/४२) शश्वत्कार्यः (पुं०) सदैव काम। प्राय कार्य करना। शश्वत्गतिः (स्त्री०) निरंतर गति। ०प्रगति, प्रतिगति। शश्वच्चारि (वि०) निरंतर गमनशील। ०जन्म जन्मान्तर। शश्वज्जन्म (वि०) पुनर्जन्म। शश्वत्प्रतिष्ठाश्रयः (पुं०) निरन्तर प्रतिष्ठा का पात्र। शश्वदपि (अव्य०) सदैव, बार बार भी, पुनरपि, फिर से भी।
(जयो०वृ० ५/१९) शष्कुली (स्त्री०) [शष्+कुलच्+ङीष] कान का विवर,
श्रवणमार्ग। चावल की कांजी।
कर्ण रोग। शष्यः ( पुं०) [शष्+पक्] प्रतिभाक्षय, बुद्धि वैशिष्ठ का अभाव।
तृण घास। (जयो०वृ० ८/९२) शष्पं (नपुं०) बुद्धि कौशल का अभाव। शस् (सक०) काटना, नष्ट करना। दिखना। शस्यते (जयो०
९/९५)
०हनन करना, मार डालना। शसनं (नपुं०) [शस्+ल्युट्] घायल करना, चोट पहुंचाना,
क्षत-विक्षत करना।
०बलि, मेघ। शस्त (भू०क०कृ०) प्रशंसा किया गया, स्तुति किया गया।
शुभ, आनन्द प्रद, सुंदर, रमणीय-मातुर्मुखं चन्द्रमिवैत्य हस्तौ सङ्गो चमाप्तौ तु सरोजशस्तौ। (वीरो० ५/२६) प्रशस्त। (जयो० २/४४) यथार्थ, सर्वोत्तम। (जयो०१/२०) प्रशंसनीय। (जयो० ६/३९, प्रशंसायोग्य। ०क्षतिग्रस्त, घायल। ०वध किया हुआ, घायल किया हुआ।
शस्तं (नपुं०) सुख, हर्ष, आनन्द।
०कल्याण, भद्र, मंगलमय। ०शरीर।
० अंगुलिप्राण। शस्तानुरागः (पुं०) ०प्रशस्तानुराग। ०स्तुत्य अनुराग।
(जयो० १८/३४) शस्तिः (स्त्री०) स्तुति, प्रशंसा। शस्त्रं (नपुं०) [शस्+ष्ट्रन्] आयुध, शस्त्र, हथियार।
उपकरण, औजार। शस्त्रकारः (पुं०) शस्त्रनिर्माता। शस्त्रकोषः (पुं०) म्यान, आवरण। शस्त्रग्रहणं (नपुं०) शस्त्रधारण। (वीरो० १०/२९) शस्त्रग्राहिन् (वि०) शस्त्र धारण करने वाला। शस्त्रजीविन् (पुं०) सैनिक, योद्धा, जाबाज, बहादुर, पराक्रमी। शस्त्रधर (वि०) शस्त्रधारक। शस्त्रन्यासः (पुं०) हथियार डाल देना। शस्त्रपाणि (वि०) हस्तगत अस्त्र वाला। शस्त्रपूत (वि०) शहीद, बहादुरी से लड़कर मरने वाला, शहीद
होने वाला, शहादत पर मर मिटने वाला। शस्त्रप्रहारः (पुं०) शस्त से आघात। शस्त्रभृत् (पुं०) योद्धा, सैनिक। शस्त्रमार्गः (पुं०) शस्त्रनिर्माता। ०आयुध शिक्षा। शस्त्रविद्या (स्त्री०) युद्धकला, आयुध चलाने का ज्ञान। शस्त्र वैद्य (वि०) आयुध ज्ञाता। (समु० ९/२९) शस्त्रशास्त्र (नपुं०) आयुध विद्या का ग्रंथ। ०असिज्ञान। शस्त्रशास्त्रविद् (वि०) शस्त्रविद्या का ज्ञाता। (जयो० ५/१) शस्त्रसंचालन (मुं०) शस्त्र चलाना। (वीरो० १०/२९) शस्त्रसंपातः (पुत्र) आयुध गिरना। शस्त्रसंहतिः (स्त्री०) शस्त्रसंग्रह, आयुधशाला, शस्त्रागार। शस्त्रहत (वि०) अस्त्र से मारा गया। शस्वहतिः (स्त्री०) शस्त्र की चोट, अस्त्र प्रहार से घायल।
हथियार की चोट। (समु० १/६) शस्त्रहस्त (वि०) आयुध धारी। शस्त्रिका (स्त्री०) [शस्त्रक्+टाप्] चाकू। शस्विभावः (पुं०) शस्त्रग्रहण का भाव। शस्त्री (स्त्री०) चाकू। ____ आयुधी। (जो०वृ० २/४१) शस्त्रोत्तेतनपाषाणं (नपुं०) शाण।
हा
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