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वेल्ल्
१०२४
वेष्यः
वेल्ल् (सक०) जाना, पहुंचना। वेल्ल् (अक०) कांपना, हिलना, घूमना, चक्कर काटना।
(जयो० १९/९०) वेल्लः (पुं०) [वेल्ल्+घञ्] हिलना, कांपना।
गतिशील होना, अग्रणी होना। वेल्लत (वि०) प्रलुण्ठत, घूमते हुए। (जयो० १३/९०) वेल्लनं (नपुं०) [वेल्ल्+ल्युट] हिलना, कांपना। वेल्लहल: (पुं०) लम्पट, लालची। वेल्लिः (स्त्री०) [वेल्ल्+इन्] लता। वेल्लित (भू०क०कृ०) [वेल्ल+क्त] ०कंपायमान, हिलाया
हुआ।
टेढ़ा-मेढ़ा। वेवी (सक०) जाना, प्राप्त करना, ग्रहण करना। गर्भधारण
करना। ०व्याप्त करना।
डाल देना, फेंकना। ०लाना। वेशः (पुं०) [विश्+घञ्] ०प्रवेश, घुसना जाना, ०पहुंचना, ०अंदर होना।
घर, आवास, निवास स्थल। ०चकला।
०परिधान, वेशभूषा, वस्त्र, कपड़े। वेशकः (पुं०) [विश्+कन्] गृह, घर। आवास। वेशन्तः (पुं०) [विश्+अच्] पोखर, तालाब। वेशवार: (पुं०) मिर्च, लवणादि मसाला। (जयो० १२/३०) वेशिन् (नपुं०) शृंगार, अलंकरण। (जयो० १०/७१) वेशरः (पुं०) खच्चर, गधा। वेशवान् (वि०) ललितवस्त्राभूषण विहित। (जयो० ५/२६) वेशिनी (पुं०) प्रकशिनी। (जयो० २/४३) वेश्मन् (नपुं०) [विश्+मनिन्] घर, निवास स्थल।
भवन, आवास। वेश्मकर्मन (नपं०) घर निर्माण, गह बनाना। वेश्मकलिंगः (पुं०) एक पक्षी। वेश्म नकुलः (पुं०) छछूदर। वेश्मभू (स्त्री०) भूखण्ड, गृहभूमि। वेश्यं (नपुं०) [विश्+ण्यत्] चकला, वेश्यालय। वेश्या (स्त्री०) [वेशेन पण्ययोगेन जीवति-वेश+यत्+टाप]
गणिका, पण्यइच्छुका। ०कामुका, रण्डी।
वेश्याचार्यः (पुं०) भडुवा, लौंडा, गांडू। वेश्याश्रयः (पुं०) वेश्यालय, चकला। वेश्यावशी (वि०) वेश्या के आधीन। (सुद० २१) वेश्यायगासीत (वि०) वेश्या के द्वारा सेवित। (वीरो० १७/२१) वेश्यासुता (पुं०) वेश्या की पुत्री। (वीरो० १७/१८) वेषण (नपुं०) [विष्+ल्युट] स्वामित्व, आधीनता। वेषम्य (वि०) विषमता। (सुद० २/३) 'दृशो न वेषम्यमगात्कुतोऽपि
स पाशुपत्यं महदाश्रितोऽपि। (सुद० २/३) वेष्ट (सक०) घेरना, लपेटना।
मरोड़ना, वस्त्र पहनाना। वेष्टः (पु०) घेरा, लपेटना।
०बाड़।
०पगड़ी। वेष्टकः (पुं०) बाड़, बाड़ा, घेरा। ___०लौकी। वेष्टकं (नपुं०) पगड़ी।
०चादर।
गोंद, रस।
०तार पीन। वेष्टनं (नपुं०) [वेष्ट्+ल्युट्] ०लपेटना, घेरना। ०अंगूठी।
ओढ़नी। ०संदूक। ०पगड़ी। ०बाड़ा, घेरा। ०तगड़ी, कमरबन्द। ०पट्टी। ०गुग्गुल।
० नृत्य की एक मुद्रा। वेष्टनकः (पुं०) [वेष्टन्+कन्] संभोग की एक स्थिति।
मिथुन क्रीड़ा। वेष्टित (भू०क०कृ०) [वेष्ट्+क्त] आवृत्त। (जयो० ३/३६)
घेरा हुआ, बांधा हुआ, लपेटा हुआ। लिपटा हुआ। रोका हुआ। विघ्न डाला हुआ।
सुसज्जित किया हुआ। वेष्यः (पुं०) जल, वारि, पानी।
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