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विदः
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विदृति
विदः (स्त्री०) ज्ञान, बुद्धि, प्राज्ञ।
* बुधग्रह। (सम्य० १०७) विदग्ध (भू०क०कृ०) [वि. दह+क] * जला हुआ, भस्म
हुआ, जली हुई। (जयो० ५/२५) * नष्ट हुआ, समाप्त हुआ। * चतुर, निपुण, कुशल, कुशाग्रबुद्धि। * सूक्ष्मदर्शी, तत्त्वदर्शी।
* भस्मीभूत। (जयो० १२/७०) विदग्धः (पुं०) कलाविद्, विद्याभ्यासी। विदग्धकषायिन् (वि०) कषाय को नष्ट करने वाला। विदग्धक्षोभ (वि०) क्षोभ नाशक। विदग्धचेतना (वि०) चेतनाशून्य, निष्प्राण। विदग्धजन (वि०) कुशाग्रजन, बुद्धिमान। विदग्धपरिकर (वि.) चारों ओर से जलने वाला। (दयो०६६) विदग्धनीति (स्त्री०) अच्छी नीति। विदग्धवन (वि०) जलता हुआ अरण्य। विदग्धारण्य (वि०) देखो ऊपर। विदथः (पुं०) [विद्कथच्] विद्वान्, नीतिज्ञ, विद्याभ्यासी।
___ * यति, मुनि। विदधत् (भ०) तपाया हुआ। (सुद० ३/१४) विदरः (पुं०) [वि+दृ+अप्] तोड़ना, काटना।
* विदीर्ण करना। विदरं (नपुं०) कंकरी तरु। विदर्भः (पुं०) विदर्भक्षेत्र।
* मरुभूमि। विदर्भजा (पुं०) विदर्भ राजपुत्री। विदल (वि०) [विघट्टितानि दलानि यस्य-वि+दल-एक] टुकड़े
टुकड़े हुए। खुला हुआ, खिला हुआ। विदलः (पुं०) विभक्त करना, अलग करना। विदलमं (नपुं०) [वि+दल ल्युट्] फाड़ना, चीरना, अलग
अलग करना।
* विभक्त करना, विभाग करना। विदाननं (नपुं०) सरस्वती मुख। (जयो० ) विदारः (पुं०) [वि+दृ+घञ्] फाड़ना, चीरना।
* भेदना, विभक्त करना।
* संग्राम, युद्ध, लड़ाई। विदारकः (पुं०) [वि+ट्ट+ण्वुल्] चट्टान।
विदारक (वि०) भेदक, फाड़ने वाला, टूक-टूक करने वाला। ___ (दयो० ६४) विदारणः (पुं०) नदी के मध्य स्थित चट्टान। विदारणं (नपुं०) फाड़ना, चीरना, मारा जाना। (जयो० २/११२)
* भेदन। (जयो० २/५) विदारणा (स्त्री०) युद्ध, संग्राम। ___ * कष्ट, संताप, दु:ख।
* वध, हत्या। विदारयेत्-विदीर्ण करना चाहिए। (सम्य० ९९) विदारित (वि०) विदीर्ण, खण्डित, विभाजित। (जयो० १३/२६) विदारु (स्त्री०) छिपकली गृहकोकिला। विदित (भू०क०कृ०) [विद्+क्त] * ज्ञात, समझा हुआ,
सीखा हुआ। * सूचित संदेशित।
* विश्रुत, विख्यात, प्रसिद्ध। विदितः (पुं०) विद्वान् पुरुष। विदिश (स्त्री०) [दिग्भ्यो विगता] दो दिशाओं का मध्यवर्ती
बिंदु। विदिशा (स्त्री०) दशार्ण प्रदेश की राजधानी, भेलसा। विदीर्ण (वि०) [वि+दु+क्त] * खण्डित. विदारित. विस्फालित।
* भेदित, फैलाया गया।
* खोला गया, फाड़ा गया। विदुः (पुं०) हस्ति ललटा। * विद्वान्। 'उषसि दिगनुरागिणीति ___पूर्वा रविपि हृष्टवपुर्विदो विदुर्वा' (जयो० १०/११६) विदुर (वि०) बुद्धिमान्, विद्वान्। विदुरः (पुं०) पाण्डु के छोटे भाई का नाम। विदुलः (पुं०) [वि+दुल्+क] बेंत। विष (वि०) विद्वान्, बुद्धिमान्। (हित०१४) (सुद०८०)
'येन सधर्मो विदुषामत:' गतं न शोच्य विदुषा समस्तु।
(वीरो० १४/३४) विदुषी (वि०) बुद्धिमति। (जयो०वृ० ११/२०) विदूषक (वि०) [विदूषयति स्वं परं वा-वि+दूष्+णिच्+ण्वुल्]
दूषित करने वाला। मलिन करने वाला।
* रसिक, मसखरा, ठिठोलिया। (वीरो० ६/३७) विदूषकः (पुं०) ०हंसोड़ा, भांड, रसिक व्यक्ति परिहासक। विदूषणं (नपुं०) [वि+दृष्+ल्युट] *दुर्वचन, दुर्व्यवहार, परिवाद। _ * दोष लगाना, भ्रष्ट करना। विदृति (स्त्री०) सन्धिा
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