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वारिमुग्
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वार्धक्यापन्न
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वारिमुग् (पुं०) जलद, मेघ, वारिद। (वीरो० २/३०, जयो०
१२/५१) वारिमुच् (पुं०) मेघ, जलद। वारियन्त्रं (नपुं०) जल घटिका, रहट। वारिरथः (पुं०) नाव, डोंगी, जलयान। वारिराशिः (स्त्री०) समुद्र।
तालाब, सरोवर। वारिरुहं (नपुं०) कमल, अरविन्द। वारिवासः (पुं०) कलाल, शराब बेचने वाला। वारिवाहः (पुं०) मेघ, बादल। वारिविलासि (स्त्री०) निर्मलजलधारा। (जयो० २४/६०) वारिशः (पुं०) शिव, शंकर। वारिसंभवः (पुं०) लवंग, लौंग।
०खश की सुगन्धित जड़। वारिसमुन्नयः (पुं०) जलप्रवाह। (जयो० ९/६६) वारिहारित (वि०) जलाहरण। (जयो० १०/२६) वारीटः (पुं०) हस्ति, हाथी। वारु (पुं०) [वारयति रिपून् वृ+णिच्+उण्] विजय हस्ति,
जयकुंजर। वारुठः (पुं०) अरथी, शव ले जाने की अरथी। वारुण (वि०) वरुण सम्बंधी। वारुणः (पुं०) वारुणखण्ड एक क्षेत्र विशेष। वारुणः (नपुं०) जल, पानी। वारुणिः (पुं०) [वरुण+इञ्] अगस्त्य मुनि। वारुणी (स्त्री०) पश्चिम दिशा।
०मदिरा। ०मेतार्य गणधर की माता, श्रीदत्त की भार्या।
दशवें गणधर की माता। मेतार्यवाक् तुङ्गिकसन्निवेश-वासी, पित्तादत्त इयान् द्विजेशः। माताऽस्य जाता वरुणेति नाम्ना, गणीत्युपान्त्यो निलयः स धाम्नाम्।। (वीरो० १४/११)
कौशलदेश के वृद्ध गांव के मृगायण ब्राह्मण की पुत्री वारुणी। मृगायणी कोशलेदशसन्धिज, प्रवृद्धनाम्नीह जनाश्रये द्विजः। यदङ्गनाऽऽसीन्मधुराऽनयोः,
सुताऽथवारुणीनामसुरूपसंस्तुता।। (समु० ४/२४)
नक्षत्र विशेष। आर्य व्यक्त गणधर की माता। (वीरो०१४/५) वारुंडः (पुं०) नाग जाति। वार्णिकः (पुं०) [वर्ण+ठ] लिपिकार, लेखक। वार्ता (स्त्री०) बातचीत, नीति। (वीरो० ५/३७)
विनोदवार्तामनुसम्विधात्री समं तयाऽगाछनकैः सुगात्री।। ०बात, कथन, आपसी विचार-विमर्श। वार्ताऽप्यदृष्टश्रुतपूर्विका वः यस्यान केनापि रहस्यभावः। (सुद०२/२१)
'स्त्रियास्तु वार्तापि सदैव हेया' (वीरो०१८/२९) वार्ताकः (पुं०) बैंगन का पौधा। वार्ताजीविन् (पुं०) वैश्य, वणिक। (जयो० २/१११) वार्तिका (स्त्री०) बटेर, लवा। वार्त्त (वि०) [वृत्ति+अण] नीरोग, तन्दुरुस्त, स्वस्थ।
०व्यवसायी, व्यवहारी।
०सारहीन, कमजोर। वार्तं (नपुं०) कल्याण, हित।
भूसी, चूरी। वार्ता (स्त्री०) [वार्त्त टाप्] ठहरना, स्थित होना, रहना।
समाचार, संदेश, बात, कथन।
आजीविका, वृत्ति, व्यवसाय, खेती। वार्तारंभः (पुं०) व्यापारिक उपक्रम। वार्तावहः (पुं०) दूत, संदेशवाहका
०अंगराग। वार्तावृत्तिः (स्त्री०) खेती से आजीविका चलाने वाला। वार्ताव्यतिकरः (पुं०) सामान्य विवरण। वार्ताहरः (पुं०) दूत, संदेशवाहक। वार्त्तिक (वि०) व्याख्यात्मक, विवरणात्मक।
समाचार लाने वाला। वार्तिकः (पुं०) दूत, संदेशवाहक, भेदिया। वार्तिकं (नपुं०) व्याख्या, वृत्ति, विवरण। वाजः (पुं०) अर्जुन। वार्द्धकं (नपुं०) [वृद्धानां समूहः तस्य भावः कर्म वा] स्थिविर,
थेर, वृद्धावस्था, बुढ़ापा। (जयो० २३/६०) वार्द्धक्यं (नपुं०) वृद्धत्व, बुढ़ापा। (जयो० २३/६०)
वृद्धत्वे सत्ययाति धी इत्यादि। (जयोवृ० २०/२९)
(हित०२) वार्धक्यापन्न (वि०) मरणासन्न (जयो०व०७/१६) वृद्धापन,
(जयो० ९/७२)
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