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मेदस्तेजस्
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मेहः
मेनका (स्त्री०) अप्सरा। (जयो०वृ० ११/७७) लावण्य युक्त
।
मेदस्तेजस् (नपुं०) हड्डी, अस्थि। मेदस्पिण्डः (पुं०) चर्बी समूह। मेदस्वृद्धिः (स्त्री०) मोटापा। मेदस्विन् (वि०) मोटा, स्थूलकाय।
मजबूत, हृष्ट पुष्ट। मेदिनी (स्त्री०) [मेद+इनि ङीष] पृथ्वी, भूमि, महि। (दयो० ५३) (जयो० ३/११०)
भूमि, स्थान, स्थल। मेदिनीचक्रः (पुं०) महि-मण्डल (वीरो० ४/४१) मेदिनीपतिः (पुं०) भूपाल, राजा। (समु० २/१६) मेदिनीरमणः (पुं०) देखो ऊपर। मेदिनीशः (पुं०) राजा, भूपाल। (जयो० १८/११) मेदुर (वि०) [मिद्+उरच्] मोटा, पुष्ट। (जयो० २/३९)
(जयो० ३/९५) बहुल, ठोस, सघन। (जयो० १०/२२) चिकना, स्निग्ध।
०फूला हुआ, भरा हुआ। मेदुरित (वि०) [मेदुर+इतच्] ०मोटा, परिपुष्ट, फुलाया हुआ। मेद्य (वि०) [मेद+यत्] चर्बी युक्त।
०सघन मोटा। मेधः (पुं०) यज्ञ। मेधा (स्त्री०) [मेध ठञ्+टाप] जिसके द्वारा पदार्थ जाना
जाता है। ०बुद्धि, धारणात्मक शक्ति, पाठग्रहणशक्ति। (मेधा
०प्रज्ञा। (वीरो० १९/२२) मेधातिथिः (पुं०) मनुस्मृति के भाष्यकार। मेधारुद्रः (पुं०) कालिदास कवि। मेधावत् (वि०) बुद्धिमान्, प्रज्ञावन्त। मेधाविन् (वि०) स्मरण शक्ति वाला।
मेधा विद्यते येषां ते मेधाविनो ग्रहणधारणसामर्थः।
०बुद्धिमान्, प्रज्ञावंत। मेधाविन् (पुं०) विद्वान् पुरुष, विद्यासम्पन्न, मेधावी।
तोता।
०मादक पेय। मेध्य (वि.) [मेध्+ण्यत् मेधाय हितं यत् वा] यज्ञीय, यज्ञ
सम्बंधी। मेध्यः (पुं०) बकरा। ०खैरतरु।
जौ।
मेना (स्त्री०) नदी विशेष। मेनादः (पुं०) मोर।
बिलाव।
०बकरा। मेय (वि०) नापने योग्य, अनुमान लगाने योग्य। मेरकः (पुं०) मद्य, ताल वृक्ष से निकला आसव। मेरु (पुं०) सुमेरु पर्वत। (सुद० २/३९)
उन्नता (सुद० २/३४) मेरुकः (पुं०) धूप, धूनी। मेरुगिरि (पुं०) मंदरपर्वत, देवाचल। (जयो० २४/४) मेरुपर्वतः (पुं०) मंदर पर्वत। (भक्ति० ३४) मेलः (पुं०) [मिल्+घञ्] मिलाप, एकता, संलाप, समवाय।
०परस्परप्रेमभाव। (जयो० ६/१३०)
०सभा, सम्मेलन। मेलतुल्य (वि०) सम्मेलन की तरह। (सम्य० ५१) मेलनं (नपुं०) [मिल्+णिच् ल्युट्] संयोग, मैत्रीभाव, परस्पर
सहयोग। एकता समवाय। ०समाज।
मिश्रण। मेला (स्त्री०) [मिल+णिच्+ण्वुल्+टाप्] ०एकत्रित होने का
स्थान। मनोरंजन स्थल। समवाय, संयोग, समाज।
समूह, सभा, मिलना, समागम। मेलानन्दः (पुं०) कमलदान, दवात। मेलान्धुकः (पुं०) दवात, कमलदान। मेव (सक०) पूजा करना, सेवा करना। मेषः (पुं०) [मिषति अन्योऽन्यं स्पर्धते-मिष्+अच्] मेढ़ा,
भेड़, आविक। (जयो०वृ० २/७८) मेषकम्बलः (पुं०) ऊनी कम्बल, धुस्सा। मेषपाल (पुं०) गडरिया। मेषपालकः (पुं०) गडरिया। मेषिका (स्त्री०) भेड़। (मादा भेड़) मेषी (स्त्री०) भेड़ (मादा भेड़। मेहः (पुं०) [मिह+घञ्] मेंढा।
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