SearchBrowseAboutContactDonate
Page Preview
Page 439
Loading...
Download File
Download File
Page Text
________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir मूषी ८५४ मृगाङ्कः मूषी (स्त्री०) चूहिया। मृ (अक०) मरना, नष्ट होना। मत-प्राणत्यागाथ। (जयो० ४/२९) ०वध करना, हत्या करना। (जयो० २/१३५) मक्षणं (नपुं०) नवनीत (जयो० ११/६९, ९६, मक्खन। (सुद० ६/३८) ०कोमल, स्निग्ध। (जयो० २२/३८) मृक्षणतनु (पुं०) कोमलाङ्गी। म्रक्षणस्य नवनीतस्य तनुरिव। (जयो० २२/३८) मृग (सक०) ढूंढना, खोजना, तलाश करना। शिकार करना, अनुसरण करना। ०लक्ष्य बांधना, यत्न करना। परीक्षण करना, अनुसंधान करना। मांगना, याचना करना। शिकार खोजना। मृगः (पुं०) हरिण। (सुद० ११७, वीरो० २/१३) चौपाया, जानवर। ०आखेट, शिकार। ०चन्द्र लांछन। ०खोज, अन्वेषण, गवेषणा। कस्तूरी। प्रार्थना, निवेदन। नक्षत्र विशेष! मृगकाजनं (नपुं०) उद्यान, उपवन। मृगगामिनी (स्त्री०) औषध विशेष। मृगचर्मन् (नपुं०) मृगछाल। (जयो०२/८९) मृगचर्या (स्त्री०) मृग की तरह विचरण। मृगजलं (नपुं०) मृगमरीचिका। मृगजीवनः (पुं०) शिकारी, बहेलिया। मृगतृष् (स्त्री०) मृगमरीचिका। मृगदंशः (पुं०) कुत्ता, श्वान। मृगदंशकः (पुं०) कुत्ता, श्वान। मृगद्युः (स्त्री०) शिकारी। मृगद्विष् (पुं०) सिंह। मृगधरः (पुं०) चन्द्र, शशि। मृगधूर्तः (पुं०) गीदड़ा मृगधूर्तकः (पुं०) गीदड़। मृगनयना (स्त्री०) मृगनेत्र वाली स्त्री, मृगनयनी। मृगाक्षी। | मृगनाभिः (स्त्री०) कस्तूरी। कस्तूरी वाला मृग। मृगपतिः (पुं०) सिंह। शेर। मृगपालिका (स्त्री०) कस्तूरीमृग। मृगपिप्लुः (पुं०) चंद्रमा, शशि। मृगप्रभुः (पुं०) सिंह। मृगबधाजीवः (पुं०) शिकारी। मृगबन्धिनी (स्त्री०) मृगजाल। मृगमदः (पुं०) कस्तूरी। मृगमन्दः (पुं०) हस्ति। मृगमातृका (स्त्री०) हरिणी। मृगमुखः (पुं०) मकरराशि। मृगया (स्त्री०) आखेट, शिकार। (दयो० ३४) मृगहिंसा। (जयो० २/१२८) घ्नन्ति हन्त मृगयाप्रसङ्गिनः कौतुकात् किल निरागसोऽङ्गिनः। अन्तकान्तिकसमात्तशिक्षिणस्तान् धिगस्तु सुत विश्ववैरिणः।। (जयो० २/१३४) मृगयूथं (नपुं०) हाथियों का झुण्ड। मृगराज् (पुं०) सिंह। शेर। सिंह राशि। मृगरोम (नपुं०) ऊन। मृगलक्ष्मन् (पुं०) चन्द्र, शशि। मृगलाञ्छन् (पुं०) चन्द्र, शशि। मृगलेखा (स्त्री०) चन्द्ररेखा। मृगलोचना (स्त्री०) एणभावदृक्, चन्द्र सदृश नेत्र। (जयो०११/५) मृगवाहनः (पुं०) पवन, हवा। मृगव्याघः (पुं०) शिकारी। तारामण्डल। मृगशावः (पुं०) छोना, हिरण शावक। मृगशिरः (पुं०) मृगशिरा नक्षत्र। मृगशीर्ष (नपुं०) मृगशिरा नक्षत्र। मुगसेनः (पुं०) क्षिप्रा नदी के ग्राम शिंशपा में स्थित धीवर। (दयो० १०) मुगाक्षी (स्त्री०) मृगनयनी, चपल नेत्रों वाली। हरिणनयन। (जयो० १०/११७) मृगाङ्कः (पुं०) चन्द्रमा। ०कपूर। ०हवा। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
Copyright © Jain Education International. All rights reserved. | Privacy Policy