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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir भिस्सा ७८८ भुक्त भी (अक०) डरना, भय खाना, भयभीत होना। (सम्य० १५) भी (स्त्री०) डर, भय। भियः (सुद० २/२७) भयभीत। __०लोकनिन्दा जन्य भयः (जयो० १/६७) आतंक, संत्रास, त्रास। भीत (भू०क०कृ०) [भी+क्त] आतंकित, डरा हुआ, त्रस्त। । ०कातर, नायर। (जयो०वृ० १३/५१) ०भय। (वीरो० २/३४) भीत (वि०) अत्यन्त डरा हुआ। भीतकार (वि०) [भीतं कृ+अण्] डराने वाला, धमकाने वाला, आतंकित करने वाला। भीतङ्कार (अव्य०) किसी को कायर के नाम से पुकारना। भीतिः (स्त्री०) [भी+क्तिन्] डर, भय। (जयो० २३/७३) (दा० ३५) त्रास, आतंक। कंपकंपी, थरथराहट। भीतिकरी (वि०) भयङ्कर, भय जन्य, भयंकर दुःखदायिनी (जयो०वृ० २/५९) भीतिदात्री (वि०) आतंककारिणी, भयदायिनी। (भक्ति० २५) भीतिमय (वि०) भय युक्त, आतंक शील। (मुनि० ३) गर्ने भीतिमये कदापि न पतेद्धास्य पिशाचं व्रजेत्। (मुनि०३) भीभावः (पुं०) संत्रस्परिणति। भयावह परिणाम। भीषण भाव। (जयो० ६/५९) भीमः (पुं०) पाण्डुपुत्र भीम। (जयो० १/१८) भीम नामक केवली, एक जैन मुनिराज-स्वर्गीये योऽसौ, भवोच्छेदकः। (जयो० २३७) भीम (वि०) भयङ्कर रूप, भयानक, आतंकजन्य, भयावह, डरावना, भीषण। (जयो०वृ० १/१८) भीमकर्मन् (वि०) भयंकर कर्म करने वाला। भीमनाद (वि०) घोर गर्जना वाला, उच्च स्वर वाला। भीमनादः (पुं०) सिंह। भीमपराक्रम (वि०) अत्यंत पराक्रमी, घोर पराक्रमी। भीमरं (नपुं०) युद्ध, लड़ाई। भीमविक्रम (वि०) अति पराक्रमी। भीमा (स्त्री०) [भीम+टाप्] दुर्गा। पराक्रमी स्त्री। ०हंटर। भीमुष (पुं०) पुतला, खेत का विजूका। भियं मुष्णातीति। (जयो० २/३१) भीमुषा (वि०) भयापहारक। (जयो० २८/५६) भीय (वि०) डरा हुआ। (सुद० ४/१९) भीरू (वि०) कायर, डरपोक, भययुक्त, डरा हुआ। (समु० ९/६, जयो० १३/८) भीरू ऐहिकामुष्किापायभीतुकः। (जैन०ल० ८६५) भीरूः (पुं०) व्याघ्र, गीदड़। भीरू (नपुं०) रजत, चांदी। भीरू (स्त्री०) डरपोक स्त्री। भयावही। ०बकरी, छाया, ०कनखजूरा। भीरूचेतस् (पुं०) हरिण। सुंध चूहा। छछुदर। ०मही। ०भययुक्त चित्त वाला। भीरूसत्त्व (वि०) कायर, डरा हुआ। भीलुकः (पुं०) [भी+क्लुकन्] भालू, रीछ। भीषण (वि०) भयानक, डरावना, अधिक भयंकर। भुजङ्गतो भीषण एतदीय। (जयो०८/५५) घोर, दारुण, विकराल, त्रासजनक। भीषणः (पुं०) कपोत, कबूतर। भीषणं (नपुं०) भय उत्पादक वस्तु, डरावनी वस्तु। भीषणता (वि०) भयरूपता। भीषणता श्रणतादिव खेदं जगतो दुरितख्यात्री यमायाताऽरमहो कलिरात्रिः। (सुद० ९७) भीषा (स्त्री०) [भी+णिच्+अङ्कटाप्] धमकाना, डराना, त्रास देना। भीषित (वि०) [भी+णिच्+क्त] संत्रस्त, डराया हुआ, भयभीत किया गया। भीष्मः (पुं०) भीष्म पितामह। ___०शन्तनु पुत्र। भीष्म (वि०) [भी+णिच्+मक्] भीषण, डरावना, भयानक, काल। (वीरो० ९/३०) भीष्मकः (पुं०) शांतनु शत्रु भीम। भीष्मपितामहः (पुं०) नाम विशेष। (वीरो०८/४०) ०शान्तनु पुत्र। भुक्त (भू०क०कृ०) [भुज+क्त] ०उपयुक्त, खाया गया। प्रयुक्त, प्रयोग किया गया। भोगा गया, अनुभव किया गया। अधिकृत किया गया, अधिकार दिया गया। उपभोग किया गया। राज्य परिपालन। ०महाव्रत परिपालन। For Private and Personal Use Only
SR No.020130
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 02
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages450
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size24 MB
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