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________________ Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra www.kobatirth.org Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir कुरक्षण ३०१ कुलता कुरक्षण (नपुं०) १. दुर्व्यसनाजन्य। २. पृथ्वी रक्षक। (जयो० कुलकः (पुं०) श्रेणी, शिल्पियों का अग्रणी। १/४५) कुलकं (नपुं०) संग्रह, समूह, श्लोक समूह, पांच से पन्द्रह कुररः (पुं०) (कु-क्रूरच्] क्रौंच पक्षी। तक के श्लोक समूह। कुररी (स्त्री०) क्रौंच पक्षी। कुलङ्कर (वि०) कुल निर्माता, कुलकर। (वीरो० ११/५) कुरलः (पुं०) कुल्ला , गण्डूष। (जयो० १८८१) 'कुलानि कुर्वन्तीति कुलङ्कराः वंशनिर्माताः' (जयो० वृ० कुरवः (पुं०) सदाबहार, कटसरैया। २/८) सन्निवेद्य च कुलङ्करैः कुलान्येतदाचरणमिङ्गितं बलात्। कुरीना (स्त्रो०) शब्द समूह। 'कूनां शब्दानां रीना कुरीनाश्च' (जयो० २।८) (जयो० ५/९५) कुलकज्जल: (पुं०) कुलकलंक। कुरानं (नपुं०) ग्रन्थ, मुसलिम शास्त्र। (वीरो० १९/१०) कुलकष्टकः (पुं०) कष्टदायक कुल। कुरीरं (नपुं०) [कृाईरन्] ओढ़नी। कुलकथा (स्त्री०) कुलीन स्त्री संबंधी कथा। कुरुः (पुं०) १. कुरु क्षेत्र, कुरुभूमि, २. कुरुवंशी नरेश कुलकन्यका (स्त्री०) उच्चकुलीन कन्या। जयकुमार। कुलकरः (पुं०) मनु, कुलों की व्यवस्था में कुशल। (जयो० कुरुक्षेत्रं (नपुं०) कुरुभाग। (जयो० ३/२८) वृ० १२/९) 'कुलकरणम्मि य कुसला कुलकरणामेण कुरुदेशः (पुं०) कुरुक्षेत्र, कुरुभाग, कुरुप्रदेश। (जयो० ६/७८) सुपसिद्धा' (ति०प०४/५०९) 'आर्याणां कुलसंस्त्यापकृते: कुरुदेशाधिपः (पुं०) कुरुदेश का राजा। तनये मन एतस्मिन् कुलकरा' (म०७०३/२११) ___कुरु कुरुदेशाधिपेत्वित वाक्। कुलकान्ता (स्त्री०) कुलीन स्त्री, अच्छे घर की स्त्री। कुरुनरेशः (पुं०) कुरुराजा, जयकुमार। (जयो० ३/२८) सुकृतांशुकृताशयेन वा कुलकान्ताकुलमाप्तसंत्वाम्। कुरुभूमिः (स्त्री०) कुरुक्षेत्र। (जयो० ७/८२) कुलकोक्ति (स्त्री०) ०काशिकावृत्ति, ०श्रेष्ठोक्ति। कीदृशीं कुरुभूमिभुक्तिः (स्त्री०) कुरु भूमि का भोग करने वाला काशिका? पाणिना हस्तेन नीया प्रापणीया यासौ कुलकोक्ति जयकुमार। संप्रयुक्तमृदुसूक्तमक्तया पद्मयेव कुरुभूमिभुक्तया। श्रेष्ठोक्तिः इयमतिसन्निकटप्राप्तेति रूपाः तस्या। पाणिनीया (जयो० ७/८२) पाणिनि सम्बंधिनी या कुलोकि: कुलकस्तु कुल श्रेष्ठे इति कुरुराट् (पुं०) १. करुराज, कुरुवंशी, जयकुमार। (जयो० वि० (जयो० ४/१६) २६/४२) २. दुर्योधन। कुलज (वि०) राजवंश में उत्पन्न राजपुत्र। कुले राजवंशे कुरुराज देखो कुरुराट्। जाताः कुलजाः शोभनाः कुमारा नवयुवका (जयो० वृ० कुरुहः (पुं०) तरु, वृक्ष, पादप। 'को पृथिव्यां रोहति सम् ५/१) द्भवन्तीति कुरुहा' (जयो० १३/६०) कुलक्षयः (पुं०) कुल नाश, वंश नाश, कुटुम्ब नाश। कुरुवंशी (वि०) कुरुवंशवाला, जयकुमार। कुलगिरिः (पुं०) कुलाचल, पर्वत। कुर्कुटः (पुं०) [कुरु+कुट्+क] मुर्गा, कुक्कुट। कुलतिथिः (स्त्री०) महत्त्वपूर्ण तिथि, अष्ठमी, चतुर्दशी आदि। कुर्चिका (स्त्री०) कूची। कुलटा (स्त्री०) [कुल+अट्+अच्+टाप्] स्वैरिणी, स्वेच्छाचारिणी, कुर्वत् (कृ+शत) करता हुआ। इत्वरिका, व्यभिचारिणी। (दयो ४०, जयो० २/१४३) कुलं (नपुं०) १. परिवार, कुटुम्ब, वंश, गच्छ, समु दाय। | कुलटापतिः (पुं०) जारिणी स्त्री का पति, भ्रष्टपति। कुलस्य-वंशस्य। (जयो० वृ० १/१८) ३.समूह, समुदाय, कुलटाहृदयं (नपुं०) इत्वारिका हृदय, व्यभिचारिणी स्त्री का दल, झुड, संग्रह। कुल' गच्छसमु दाय:, हृदय। 'कुलटाया इत्वरिकाया हृदयेऽवशिष्टमवस्थितम् या 'राजीवकुल-प्रसादकृद्धामा' (जयो०६/१७) ३. आवास, कुलटा रात्रौ निर्भयं व्यचरंताः सूर्योदये सति भीता जाता स्थान घर, गृह। ४. आचार्य की शिष्य परम्परा। इति भावः। (जयो० वृ० १८/३१) कुलः (पुं०) निगम, संघ, अध्यक्ष। कुलतः (अव्य०) [कुक-तसिल्] जन्म से। कुलक (वि०) [कुल कन्] अच्छे कुल का, कुल श्रेष्ठ | कुलता (वि०) कुलीनता। 'यत्र मनाङ् न कलाऽऽकुलताया 'कुलस्तु कुलश्रेष्ठो' इति विश्वलोचन: (जयो० वृ० ४/१६) | विकसति किन्तु कला कुलतायाः'। (सुद० ७६) For Private and Personal Use Only
SR No.020129
Book TitleBruhad Sanskrit Hindi Shabda Kosh Part 01
Original Sutra AuthorN/A
AuthorUdaychandra Jain
PublisherNew Bharatiya Book Corporation
Publication Year2006
Total Pages438
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationDictionary
File Size14 MB
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