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नत्तंकी
नवनि "दण्ड यतिन कर भेद तहँ, नर्तक-नृत्य- नली-- संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. नल का स्त्री. समाज'-रामा०।
. अल्पा० ) छोटा या पतला नल छोटा चोंगा, नर्तकी-संज्ञा, स्त्री० (सं० ) नाचने वाली, घुटने के नीचे का भाग, पैर की पिंडुली, नटी।
बन्दूक की नाल । नर्तन-संज्ञा, पु० (सं०) नाच, नृत्य । नलुबा--- संज्ञा, पु० दे० ( हि० नल = गला ) नर्तना8 -- अ० क्रि० दे० (सं० नत्तन) नाचना। छोटा नल या चोंगा । नर्द संज्ञा, स्त्री० ( फ़ा० ) चौपड़ की गोट, नव-वि० (सं०) नूतन, नवीन, नया, नौ
"फूटे ते नर्द उठि जात बाजी चौपर की"। की सख्या, ६ । नर्दन-संज्ञा, स्त्री. (सं० ) भयंकर शब्द, नवक-संज्ञा, पु. ( सं० ) नौ वस्तुओं का नाँदना (दे०)। वि० नर्दित ।
समूह । नर्म - संज्ञा, पु० (सं० नर्मन् ) दिल्लगी, हँसी, नघकुमारी संज्ञा, स्त्री. यौ० (सं०) नवरात्रि परिहाल, हँसी-ठट्ठा, रूपक (नाटक) का एक में पूजनीय नौ कुमारी कन्यायें । भेद (नाट्य) । वि० (हि.) नरम । नवग्रह-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) चन्द्रमा, सूर्य, नर्मद--संज्ञा, पु० (.) भाँड़, मसखरा । मंगल, बुध, बृहस्पति, शुक्र, शनि, राहु, नर्मदा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक नदी, नर्वदा। केतु, नौ ग्रह हैं। नर्मदेश्वर--संज्ञा, पु. यौ० ( स० ) नर्वदा नवकावरि, न्यौडावर -संज्ञा, स्त्री० दे० नदी से प्राप्त शिव लिंग या मूर्ति ।
(हि. निछावर) उतार, उतारा, बारा फेरा, नमद्यति · संज्ञा, स्त्री० (सं०) नाटक का एक उत्सर्ग, कोई वस्तु किसी के ऊपर उतार कर अंग (नाट्य ० ) ।
किसी को देना। नम-लचिव-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) विदूपक, नवतनां - --- वि० यौ० द० ( सं० नवीन ) दिल्लगीबाज़।
नूतन, नया, नवोन. हाल का। नल --संज्ञा, पु० (सं०) नरकट, कमल, निषध नवदुर्गा---संज्ञा, स्त्री० यो० (सं०) नौ देवी, देश के राजा वीरसेन के पुत्र । “नलः स | शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चन्द्रघंटा कूष्माण्डा, भूजानिरभूद् गुणाद्भुतः"-- नैष राम- स्कन्दमाता, कात्यायिनी. कालरात्री, महादल का एक बन्दर । यौ० नल-नील । संज्ञा, । गौरी, सिद्धिदा। पु० (सं० नाल) लोहे का पोला गोल लम्बा नवधाभक्ति- संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं० ) नौ
खंड, पनाला, नाली, बंबा, पाइप (अं)। तरह की भक्ति श्रवण, कीर्तन, स्मरण, पादनलकूबर-संज्ञा, पु० यो० (सं०) कुवेर के पुः । सेवन अर्चन, वंदन, सख्य, दास्य, श्रात्मनलसेतु-संज्ञा, पु० यौ० (सं नल-निर्मित निवेदन, नौधा भगति--(दे०)। " नौधा
वह पुल जिप से राम सेना लंका गई थी। भगति कहौं तोहि पाहीं"- रामा० । नला-संज्ञा, पु० दे० ( हि० नल ) पेशाब नवन - संज्ञा, पु० दे० (सं० नमन) नमस्कार, उतरने की नली, नल ।।
प्रणाम, झुकना, नम्र होना। नलिका--संज्ञा, स्त्री० (सं०) नली, चोंगा, नवना-...अ० क्रि० दे० ( सं० नमन ) नम्र एक गंध-द्रव्य, एक पुराना हथियार, नाल, होना. झुकना, लचना, प्रणाम करना। तरकश, तूणीर, भाथा ।
"जिमिन नवै पुनि उकठिकुराह'-रामा। नलिनी-संज्ञा, स्त्री० (सं०) कमलनी, कमल, नवनि -संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. नवना ) अधिक कमल उत्पन्न होने वाला देश, नदी, दीनता, नम्रता, मुकने का भाव । "नवनि एक छंद (पिं०)।
नीच की है दुखदाई"-रामा० ।
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