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धोना
धेनुक गाय । "लात खाय पुचकारिये, होय दुधारू धोका, धोखा-संज्ञा, पु० दे० (सं० धूकता) धेनु"- वृन्द।
छल, भुलावा, चालाकी, धूर्तता, भूल, धेनुक-संज्ञा, पु० (सं०) एक दैत्य जिसे बल- | भ्रान्ति, ध्वाखा (ग्रा०)। यौ० धोखाधड़ी।
देव जी ने मारा था। यौ० धेनुकासुर । । सुहा०--धोखा खाना-ठगा जाना, भ्रम धेनुमती-संज्ञा, स्त्री० (सं०) गोमती नदी।। में पड़ना। धोखा देना- छलना, भ्रम में धेय-वि० (सं०) धार्य, धारण करने के डालना । मुहा०--धोखे की टट्टी-शिकायोग्य, पालन-पोषण करने योग्य । “तुम | रियों का पर्दा, भ्रम में डालने वाला दिखाऊ, धेय गेय अजेय हो"-मैं० श० गु०। । सारहीन । धोखा खड़ा करना या धेर-संज्ञा, पु० (दे०) अनार्य या नीच रजना-धोखे या भ्रम में डालने के लिये जाति।
श्राडंबर या झूठी नकल रचना | अज्ञानता, धेलचा, धेला-संज्ञा, पु० दे० (हि. मुर्खता। धोखे में या धोखे से-भूल अधेला ) आधा पैसा । स्त्री० धेलही पु. से, ग़ल्ती से । हानि, जोखों। मुहा०अधेला ( ग्रा०)।
धोखा उठाना-भ्रम में पड़ कर हानि घेली-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. अधेला ) या कष्ट उठाना । संशय । मुहा०-धोखा
अठन्नी । अधेली (ग्रा०) यौ० धेली-रुपया। पड़ना-सोच-समझ से उलटा होना । धैताल--वि० दे० ( अनु० धै+ ताल हि० ) भूल, चूक, प्रमाद। मुहा० - धोखा लगना चंचल, उद्धत, चपल ।।
(लगाना)--कमी, त्रुटि या भूल होना धैना-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० धरना-धंधा) (करना)। खेत में दिखावटी पुतला, खटखटा, स्वभाव, प्रकृति, नटखटी, काम-धंधा। धोखार (ग्रा.), बेसन का एक पकवान । "कह गिरधर कविराय यही फूहर के धैना" धोखेबाज़---वि. (हिं. धाखा । फा०-बाज ) -गिर० ।
धूर्त, छली, ठग, कपटी। संज्ञा, स्त्री. धैर्य-संज्ञा, पु० (सं०) धीरज, सब, कुसमय धोखेबाज़ी। में भी मन की स्थिरता, अनातुरता, अनुद्वेग। घोटा-संज्ञा,पु० दे० (हि. ढोटा) लड़का, पुत्र । धैवत-संज्ञा, पु० (सं०) एक स्वर (संगो०)। " देखत छोट खोट नृप-धोटा"-रामा० । धोंकना--स० क्रि० दे० (हिं०) श्राग जलाने | धोती-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० अधोवस्त्र ) एक के लिये धौंकनी से हवा देना। अ० क्रि० वस्त्र । " धोती फटी सी लटी दुपटी"--- (दे०) काँपना । "सब सिद्धि कॅपी सुरनायक | नरो। मुहा०-धोती ढीली करना धोंके"--नरो।
(होना)- डर जाना, भयभीत होना, डर धोंधा-संज्ञा, पु० दे० (सं० दुढि = गणेश ) कर भागना । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धौत्ती ) लोंदा, भद्दा या बेडौल पिंड। मुहा०- योग की एक क्रिया, धौति-क्रिया। मिट्टी का धोंधा- मूर्ख, अनारी, सुस्त, धोना-स० कि० दे० (सं० धावन ) पखारन, निकम्मा।
साफ या शुद्ध करना । मुहा०-किसी धोई-संज्ञा, स्त्री० (हि. धोना ) छिलका वस्तु से हाथ धोना-गँवा या खो देना, निकाली मूंग या उरद की दाल | *संज्ञा, पु. हाथ धो कर पीछे पड़ना-सब छोड़ ( हि० धबई ) राजगीर, थवई, (प्रान्ती०)।। कर लग जाना, मिटाना, नष्ट या दूर करना, क्रि० वि० स्त्री० (दे० क्रि० धोना ) धुली हुई। हटाना। नुहा...-धो बहाना न रहने धोकड़-वि० (दे०) मुस्टंड, हृष्टपुष्ट, हट्टा- देना। धो जाना-इज्जत बिगड़ना, कट्टा, बली, धनी, धाकड़ (ग्रा.)। प्रतिष्ठा था मर्यादा का नष्ट होना।
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