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धुरेटना
धूप (हि० धूलि उड़ाना ) चैत बदी प्रतिपदा को | धंध-धधर-धुंधुर-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. मनाया जाने वाला हिन्दुओं का त्योहार, धुध) धुंध, अँधेरा, धुंधला । "तीनि ताप मदनोत्सव, होली, धुरेटी,धरेहटी (प्रांती०)। सीतल करति सघन तरुन की धूध"धुरेटना -स० क्रि० दे० (हि० धुर + एटना- नागरी ।
प्रत्य० ) धूलि से लपेटना, धूलि लगाना। धू* -- वि० दे० (सं० ध्रुव) अचल, अटल, धुर्य - वि० (सं०) धुरंधर, धुरीण, बोझा उठाने स्थिर ।
या धारण करने वाला भारवाही । संज्ञा, पु० धूओं-संज्ञा, पु. ( सं० धूम) धूम । (सं०) ऋषभ नामी औषधि, वृषभ, बैल, | धूआँधार-संज्ञा, पु० (दे०) बहुत, धुनाँ । प्रधान, श्रेष्ठ, मुख्य, मुखिया, अगुआ। वि. बे शुमार, अपार, वे सँभाल । " तस्याभवानपरधुर्य पदावलंबी, · रघु०। । धूई --संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० धूनी) धूनी। धुर्रा- संज्ञा, पु० दे० (हि. धूर) कण, अणु, धूर्जटी*:-संज्ञा, पु० दे० (सं० धूर्जटि) शिव परमाणु, भुत्रा । मुहा०-धुरे उड़ाना धूजटी (ग्रा०), धृरजटी (दे०)। (उड़ना)-किसी पदार्थ के बहुत छोटे छोटे | धूत - वि० (सं०) हिलता या काँपता हुमा, भाग कर डालना, छिन्न भिन्न या नष्ट-भ्रष्ट थरथराता हुआ, धमकाया या फटकारा या कर डालना, बहुत पीटना या मारना। डाँटा गया, त्यक्त, छोड़ा हुआ । tw-वि. धुलना-अ० क्रि० ( हि. धोना का अ० रूप ) | दे० ( सं० धूत ) छली, ठग, धूर्त । संज्ञा, धोया या साफ़ किया जाना।
स्त्री० धूतता। धुलवाना-स. क्रि० दे० (हि. धुलाना)
धूतना*-स० क्रि० दे० (सं० धूत ) ठगना, धुलाना, धोने का कार्य दूसरे से कराना।
धोखा देना, छलना। धुलाई--संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. धोना ) धोने
धूत पाया-संज्ञा, स्त्री० (सं०) काशी की एक
नदी। का भाव या कार्य, धोने की मजदूरी । वि.
धूती-संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक पक्षी। धुला, धुली। यौ०-धुला-धुलाया।
धूधू-संज्ञा, पु० दे० (अनु०) अग्नि के जोर धुलाना-स० क्रि० दे० (सं० धवल ) धोने से जलने या दहकने का शब्द । का कार्य दूसरे से कराना, धुलवाना ।
धूनना* -- स० क्रि० दे० (हि. धूनी) धूनी धुव* --संज्ञा, पु० दे० (सं० ध्रुव) ध्रुवतारा,
देना । स० कि० (दे०) धुनना। वि० दे० अटल, स्थिर, दृढ़, ध्रव ।
धूना-संज्ञा, पु० दे० (हि. धूनी ) एक पेड़, धुवाँ–संज्ञा, पु० दे० (हि. धुआँ) धुआँ । अ०
आग में जलाने का एक सुगंधित पदार्थ क्रि० (दे०) धुवांना-धुएं से काला होना। कोलतार (दे०)। धुवाँस-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० धूर+माष | धूनी-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० ) धूप, धुई। वा० धूमसी) धुआँस (दे०) उरद का पाटा। मुहा०-धूनी देना-सुगंधित धुआँ उठाना धुवाना-स० क्रि० दे० (हि० धुलाना ) या लगाना। साधुओं के तापने की अँगीठी। धुलाना, धोवाना।
मुहा०-धूनी रमाना-साधुनों सा आग धुस्स-संज्ञा, पु० दे० (सं० ध्वंस) गट्टी आदि
सुलगा कर बैठना । धूनी जगाना या का ऊँचा ढेर या टीला, बाँध ।
लगाना-अँगीठी जलाना, विरक्त होना । धुस्सा -संज्ञा, पु० दे० (सं० द्विदश ) ऊनी "लाए ध्यान धूनी त्यौ उमंग मैं उमैठो वस्त्र ( ओढ़ने का)।
है"- रसाल। धुंध-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. धुंध ) धुंध, धूप-संज्ञा, पु० (सं०) सुगंधियुक्त धुआँ, कई अँधेरा।
। पदार्थों से बना हवन का पदार्थ, सूर्य का
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