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धुआँधार धीरे-क्रि० वि० दे० (हि. धीर ) मन्द गतिधु धराना--अ० क्रि० दे० (हि. धधलाना) या गमन, चुपके चुपके से।
धुंधला दिखाई देना। धीरे धीरे-प्रव्य. ( हि० धीर ) मन्द मन्द, धुधला-वि० दे० ( हि धुंध+ला ) कुछ शनैः शनैः, कोमलता या चुपके से ।
कुछ अँधेरा सा,अस्पष्ट । धीरोदात्त-संज्ञा, पु० यौ० (सं० ) अहंकार धुंधलाई -- संज्ञा, स्त्री०(हि० धुंधला) धुंधला। या अभिमान से रहित, क्षमाशील, दयालु, धु-संज्ञा, पु० (सं०) मधु दैत्य का एक पुत्र धीर, वीर, बलवान नायक ।
धु धुकार- संज्ञा, पु. (हि. धंध+ कार ) धीरोद्धत-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) अति चंचल, | अंधेरा, धुंकार, नगाड़े की आवाज़ । प्रचंड और श्रात्मश्लाघी नायक । संज्ञा, पु० धुंधुमार- संज्ञा, पु. ( सं० ) राजा त्रिशंकु यौ० (सं०) धैर्य, धीर और उदंड।
का पुत्र, कुवलयाश्व, जिसने धुन्धु दैत्य को धीवर-संज्ञा, पु. ( सं०) मल्लाह, केवट, |
मारा था। मछवाहा।
धुंधुरि-धुंधुरी*-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० धुआँ–संज्ञा, पु० दे० । सं० धूम) धूम, चिता का धूम । " धुआँ देखि खरदूषन केरा"
धुन्ध ) अँधेरा, धूलिकण से होने वाला -रामा०।
अंधकार। धुंभारा-संज्ञा, पु. (दे०) धुनाँ निकलने | धु धुरित-वि० (हि. धुंधुर) धूमिल, अस्पष्ट, का छेद।
। धुंधली दृष्टि वाला। छुई-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं०धूम ) धुनी। धुधुवाना*--अ० क्रि० दे० (सं० धम्र धैंकार - संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० ध्वनि+कार)
हि० धुआं) धुंधुग्राना, धुआँ देना, धुआँ दे बड़े जोर का शब्द, गरज, गड़गड़ाहट।
कर जलना । "प्रगट धुआँ नहिं देखिये, उर
अंतर धुंधुवाय "-गिर। धुंगार-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धूम्र + आधार)
धुंधेरी-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० धुंध ) धुलिछौंक, बघार, तड़का (प्रान्ती०)।
कणों और धुआँ के कारण अँधेरा।। धंगारना-स० क्रि० दे० (हि. धुगार ) | छौंकना, बधारना, तड़का देना।
धुंधला- वि० (दे०) छली, हठी, दुराग्रही, धुंजा-वि० दे० (हि० धुंध) (धी, धुंधली,
धूर्त, ठग, धुंधला। मन्द दृष्टि।
धुअ-धुव*-संज्ञा, पु० दे० (सं० ध्रुव) धुद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धूम्र धुंध) धुंधी, | ध्रुवतारा, ध्रुव । वि० (६०) अटल, स्थिर । धुंधली, धुन्ध, एक नेत्र रोग, धुंध । धुआँ-संज्ञा, पु० दे० (सं० धूम्र ) धूआँ, धुंध-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धूम्र+अंध) | धूम । (मुंह) धुआँ होना-लज्जा, भय धुन्धी, धुंधली, धुंद, नेत्र-रोग।
से मुँह का रंग स्याह या मैला पड़ना। धुंधका-संज्ञा, पु० (दे०) धुआँ निकलने मुहा०-धुएँ का धौरहरा (पड़ना)का छेद, धुंधका (प्रा०)।
-थोड़ी देर में नष्ट होने वाली वस्तु । धुंधकार - संज्ञा, पु० दे० (हि. धकार ) धुएँ के बादल उड़ना-बड़ी भारी गप धु कार, गरज, अंधेरा।
हाँकना । धुआँ निकालना या काढ़नाधुंधमार-संज्ञा, पु० दे० (सं० धुंधुमार ) एक | बढ़ बढ़ कर बातें मारना । भारी समूह। राजा (पु.)।
धुआँकश- संज्ञा, पु० यौ० (हि. धुओं+ धुंधर-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० धुंध) अँधेरा, | फा० कश ) अग्निबोट, स्टीमर, रोशनदान । वायु में छाई धूल। संज्ञा, स्त्री० (दे०) धुंधुरी। धुआँधार-वि० दे० यौ० (हि० धुओं+धार)
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