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धनिष्ठा
धन्य धनिका ) एक औषधि । संज्ञा, स्त्री० दे० सम्बंधी और काम होते हैं । "धनुर्यज्ञ सुनि (सं० धनिका ) वधू, युवती, स्त्री। रघुकुल नाथा ।" " धनुष-यज्ञ जेहि कारण धनिष्ठा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक नक्षत्र । होई।" - रामा० । धनी-वि० (सं० धनिन् ) धनवान, स्वामी, | धनुर्वत-संज्ञा, पु. (सं०) धनुकबाई का रोग। मालिक । " द्वार धनी के परि रहै, धका धनुविद्या-संज्ञा, स्त्री० यौ० (सं०) धनु धनी को खाय।"~कबी० । यौ०+धनी
चलाने का ज्ञान । धीरी-रक्षक, स्वामी, मालिक । मुहा०
धनुर्वेद-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) यजुर्वेद का
एक उपवेद जिसमें धनुष चलाने आदि की बात का धनी-बात का सच्चा । संज्ञा,
रीतें लिखी हैं। पु० (सं०) धनवान मनुष्य, स्वामी, मालिक । मैदान का धनी-शूर, वीर। संज्ञा, स्त्री०
धनुष- संज्ञा, पु० (सं०) कमान, धनुक, चाप।
धनुषो-- संज्ञा, स्त्री० (सं०) छोटा धनुष, दे० (सं०) वधू, स्त्री, युवती।
छोटी कमान, रुई धुनने की धुनकी। धनु-संज्ञा, पु. (सं० धनुस् ) कमान, धनुष ।
धनुष्टंकार—संज्ञा, पु. यौ० (सं० ) ज्या"कहुँ पट, कहुँ निषंग धनु, तोरा" रामा० ।
शब्द, धनुष के रोदे का शब्द। धनुषा, धनुषा, धनुहा-संज्ञा, पु० दे० (सं० धन्वन् , धन्वा) धनुष, धनुस, (दे०),
धनुस--संज्ञा, पु० (सं०) कमान, एक राशि कमान, रुई धुनने की धुनकी।
या लग्न, चार हाथ की माप, धनुस, (दे०) । धनुई-धनुही-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धनु+
धनुहाई-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० धनु + ई-प्रत्य०) छोटा धनुष या कमान ।
हाई-प्रत्य०) धनुष द्वारा युद्ध । "धनुही-सम त्रिपुरारि-धनु..."-रामा० ।
धनुहियाँ-धनुही-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि.
धनु + ही--प्रत्य० ) छोटा धनुष । " बहु धनुक, धनुख -- सज्ञा, पु० दे० (सं० धनुस् )
धनुहीं तोरेउँ लरिकाई"-रामा० । धनुष, इन्द्र-धनुष । " भौंह धनुक धनि धानुक, "दूसर सरि न कराय"-पद०।
धनू - संज्ञा, पु० (दे०) धनु, धनुष ।
| धनेश, धनेश्वर-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) धनुकधारी, धनुधारी- संज्ञा, पु० ( सं०
कुवेर, बड़ा धनी, धनाधिप । धनुष् + धारी ) कमनैठ, तीरंदाज़, धनुष- धनेस, धनेसा-संज्ञा, पु० यौ० ( सं० धारी, धनुधारी, धनुर्धारी ।
धनेश ) कुवेर । संज्ञा, पु० दे० (सं० धनस् ) धनुकबाई-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि.
एक पक्षी। "पर अवगुन-धन-धनिक धनेसा"। धनुक+बाई) लकवे का सा एक बात रोग।
धन्ना-वि० दे० ( सं० धन्य ) बड़ाई या धनुकार-संज्ञा, पु० दे० (सं० धनुष्कार )
प्रशंसा के योग्य, सुकृती, एक राम-भक्त । धनुष या कमान बनाने वाला।
धन्नासेठ- संज्ञा, पु० यौ० दे० ( हि० धन्न+ धनुको, धुनुको-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि.
सेठ ) धनवान, एक भक्त । संज्ञा, स्त्री० (दे०) धनुक) छोटा धनुष, बेहने का धनु, धनुधरी।
धन्नासेठी। धनुधारी-संज्ञा, पु० (सं०) कमनैत, धनुष धन्नी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० (गो.) धन) धारण करने वाला । " देखि कुठार, बान बैलों या गायों की एक जाति, घोड़े की धनुधारी"-रामा० ।
एक जाति । संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० धरणी) धनुधर,धनुर्धारी-संज्ञा, पु० (सं०) कमनैत, छत में लगाई जाने वाली लकड़ी, शहतीर । धनुष बाँधने वाला।
धन्नोटा-संज्ञा, पु० दे० (हि. धन्नी) धनी धनुर्यज्ञ, धनुषयज्ञ-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) के नीचे लगाई जाने वाली लकड़ी, थूनी । वह यज्ञ जिसमें धनुष की पूजा तथा उसके | धन्य-वि० (सं०) श्लाध्य, प्रसंशनीय, सुकर्मी
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