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दौड़ा-दौड़ी
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बिना कहीं ठहरे, लगातार, श्रविश्रांत, बेतहाशा । स्त्री० दौड़ा-दौड़ी । दौड़ा दौड़ी - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० दौड़ ) श्रातुरता, शीघ्रता, दौड़-धूप, बहुत से मनुष्यों के साथ चारों ओर दौड़ना । दौडधूपी - संज्ञा स्त्री० यौ० दे० ( हि० ) कोशिश, प्रयत्न, उपाय । दौड़ान दौरान - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० दौड़ना) दौड़ने का भाव, तेज़ चाल, द्रुत गमन, झोंक, वेग, समय का अंतर । दौड़ाना, दौराना - स० क्रि० दे० (हि० दौड़ना
का प्रे० रूप) शीघ्रता से चलाना, बार बार आने-जाने को विवश करना, किसी वस्तु को एक स्थान से दूसरे पर पहुँचाना, पोतना, फैलाना, चलाना परेशान करना । दौड़ाहा - संज्ञा, पु० दे० (हि० दौड़ा+हा
प्रत्य०) दौड़ने वाला, सँदेसिया, हरकारा । दौत्य - संज्ञा, पु० दे० (सं०) दूत या हर
कारा का कार्य, दूतत्व ।
दौन - संज्ञा, पु० दे० (सं० दमन ) दबाव, दमन ।
दौना-- संज्ञा, पु० दे० (सं० दमनक) सुगंधित पौधा | संज्ञा, पु० (हि० दोना) पत्तों से बना कटोरा । स० कि० दे० (सं० दमन ) दमन करना ।
दौनागिरि - संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० द्रोल गिरि) द्रोण गिरि · नामक पर्वत । " दौना गिरि ita कहूँ कनूका एक" - रत्ना० । दौर, दौड़ - संज्ञा, पु० (०) चक्कर, भ्रमण, फेरा, दिनों का फेर, कालचक्र, उन्नति, उदय या बढ़ती का समय । यौ० -- दौर दौरा - प्रधानता, प्रवलता, प्रताप, आतंक, वारी, दौड़धूप ।
दौरना* - अ० क्रि० दे० ( हि० दौड़ना ) aiser | ( प्रे० रूप) दौराना, दौरवाना | दौरा - संज्ञा, पु० ( ० दौर ) भ्रमण, चक्कर, फेरा । सा० भू० अ० क्रि० (दे०) दौड़ा । मुहा० - दौरा सिपुर्द करना--- ( मुकदमा )
घुमणि
सेशन जज के यहाँ भेजना । समय समय पर होने वाला रोग, प्रावर्तन | संज्ञा, पु० दे० ( सं० द्रोण ) टोकरा, झौवा, भाबा । स्त्री० अल्पा० दौरी । यौ० - दौराजज । दौरात्म्य - संज्ञा, पु० (सं०) दुर्जनता, दुष्टता । दौरानदौरी- संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० ( हि० दौड़ना ) दौड़ा-दौड़ी। दौरान - संज्ञा, ५० ० ( फा० ) दौरा, चक्र, बीच में, फेरा, पारी ।
दौरी – संज्ञा, स्रो० ( हि० दौरा ) टोकरी, डलिया । सा० भू० प्र० क्रि० स्त्री० द० (हि० दौरना, दौड़ना ) | दौर्जन्य-संज्ञा, पु० (सं०) दुष्टता, दुर्जनता । दौर्बल्य - संज्ञा, पु० (सं०) दुर्बलता, कमज़ोरी, "हृदय दौर्वल्यं त्यक्तोतिष्ट परंतप " - गी० । दौर्मनस्य - संज्ञा, पु० (सं०) दुष्टता, दुर्जनता | दौर्य - संज्ञा, पु० ( सं० ) दूरी, अन्तर, फासिला |
दौलत - संज्ञा, खो० ( ० ) सम्पति, लक्ष्मी, धन । यौ० धनदौलत | दौलतखाना-संज्ञा, पु० यौ० ( फा० ) घर, निवास-स्थान ( शिष्ट प्रयोग ) । दौलतमंद - वि० ( फा० ) धनवान, धनी । दौवारिक संज्ञा, पु० (सं०) द्वारपाल, दरबान |
दौहित्र - संज्ञा, पु० (सं० ) नाती, नशा,
लड़की का लड़का । स्त्री० दौहित्री । द्यु - संज्ञा, पु० (सं०) स्वर्ग, आकाश, दिन, fo, सूर्य-लोक ।
धुति - सज्ञा, स्त्री० (सं० ) प्रकाश, कांति, दीप्ति, चमक, दमक, छवि, शोभा, किरण । द्युतिमंत - वि० (सं०) द्युतिमान, चमकदमक वाला, कांति या दीप्ति वाला । युतिमा - संज्ञा, स्त्री० (सं० ) तेज, कांति, दीप्ति, प्रकाश, आभा । द्युतिमान् - वि० (सं० घुतिमत) श्राभा, कांति या दीप्तिवाला । स्त्री० द्युतिमती । घुमणि - संज्ञा, पु० (सं०) भानु, रवि, सूर्य ।
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