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दूष्टार्थ
१२४
-रामा
बुद्धि-साम्यम् स दृष्टांतः "-न्याय० । एक | देई-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० देवी ) देवी। अलंकार (१० पी०)। उपमेय और उपमान | सा० भ०, देइ पू० का० ( स० क्रि० दे.) सम्बंधी दो पृथक वाक्यों में धर्म-भिन्नता देगा, देकर। होने पर भी, विम्ब-प्रतिविम्ब भाव से जहाँ | देउर--संज्ञा, पु० दे० (सं० देवर ) देवर, समानता सो दिखाई जाय, शास्त्र, अज्ञात, पति का छोटा भाई। विशेष, गूढ़ बात के बोधार्थ तत्समान ज्ञात | देख-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० देखना ) देखया प्रसिद्ध बात का कथन ।
भाल, देखरेख, निगरानी, (स० क्रि० विधि)। दृष्टार्थ-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) जिसके अर्थ | देखन*-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० देखना )
से प्रत्यक्ष पदार्थ का ज्ञान हो, ज्ञात अर्थ।। देखने का भाव या क्रिया ढंग। " देखन दृष्टि-संज्ञा, स्त्री० (सं०) आँख की ज्योति, बाग़ कंवर दोऊ पाये"--रामा० । देखने की शक्ति, खुली आँख की, ज्योति देखनहारा*- संज्ञा, पु० दे० ( हि० देखना का प्रसार, निगाह, दीठि (दे०)। मुहा०- +हारा-प्रत्य०) देखने वाला । ( स्त्री० (किसी से ) दूष्टि जुड़ना (मिलना) देखनहारी)। "जग पेखन तुम देखनहारे" -देखादेखी या साक्षात्कार होना । किसी से दूष्टि जोड़ना-आँख मिलाना, साक्षा- देखना-स० कि० दे० (सं० दृश ) अवलोकन स्कार करना । दूष्टि मिलाना-साक्षा- करना, नज़र डालना, निगाह फेंकना। त्कार करना। दूष्टि रखना--निगरानी या किसी वस्तु के रूप-रंगादि या सत्ता नेत्रों से चौकसी रखना । ध्यान रखना, पहचान, जानना । मुहा०-देखना-सुनना-ज्ञान कृपादृष्टि, हित का ध्यान, श्राशा, अनुमान, प्राप्त करना, पता या खोज लगाना । उद्देश्य, विचार । मुहा०-दृष्टि से (में)- देखने में-बाहिरी लक्षणों के अनुसार, विचार या रूप से।
साधारण रूप या व्यवहार में, रूपरंग में । दूष्टिगत-वि० (सं०) जो दीख रहा हो। | देखते देखते-लाखों के सामने चटपट, दृष्टिगोचर-वि. यौ० (सं०) जिसका ज्ञान तत्काल । देखते रह जाना-चकित हो
नेत्र-द्वारा हो, जो देखा जा सके, दूगगोचर । जाना । देखा जायगा-फिर सोचा, दृष्टिपथ-संज्ञा, पु. यो० (सं०) निगाह का | समझा या विचारा जायगा, पीछे जो करते फैलाव, नज़र की पहुँच।
बनेगा, किया जावेगा । जाँच या निरीक्षण दृष्टिपात-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) देखना, | करना । खोजना, परखना, निगरानी रखना,
ताकना, निगाह डालना, विचारना। विचारना, अनुभव करना, भोगना, पढ़ना, दृष्टिबंध-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) दिठबंध, ठीक करना, ताकना, परीक्षा करना । माया, प्रपंच. जादू । दीठबंदी (दे०) हाथ देखभाल-संज्ञा, स्त्री० दे० यौ० (हि० देखना की सफाई, हस्तलाघव ।
+भालना) निरीक्षण, निगरानी, जाँचदृष्टिवंत-वि० (सं० दृष्टि + वंत-प्रत्य०) नेत्र पड़ताल विचार । वि. देवा-भाला। या दृष्टि वाला, ज्ञानी । " दृष्टिवंत रघुपति देखराना -स. क्रि० दे० (हि० दिखलाना) पद देखी"-रामा०।
दिखलाना, दिखराना। दे-संज्ञा, स्त्री० (सं० देवी ) देवी, बंगालियों | देखरावना -स० क्रि० दे० (हि. दिख
की एक जाति । स० क्रि० विधि० (देना)। लाना ) दिखलाना, दिखरावना (ग्रा० )। देवाड़ा-संज्ञा, पु० (दे०) दीमक का बनाया देखरेख-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० देखना +घर, बाँबी, वल्मीक, दिनाँरा (द०)। सं० प्रेक्षण ) देखभाल, निगरानी, निरीक्षण ।
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