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दस्ता
दस्ता - संज्ञा, पु० ( फ़ा० दस्त = हाथ ) वह वस्तु जो हाथ में घावे या रहे, किसी हथियार की मूठ, बेंट, बेटी, फूलों या फलों का गुच्छा या समूह, जैसे- गुलदस्ता, सिपाहियों का . छोटा कुंड, गारद, घासादि का पूला, चौबीस या पच्चीस ताव कागज़ की गड्डी दरुनाना - संज्ञा, पु० ( फा० दस्तानः ) हाथ का मोज़ा ।
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दस्तावर - वि० ( फा० ) विरेचक |
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नियम,
दस्तावेज़ -संज्ञा, स्त्री० ( फा० ) तमस्सुक । दस्ती - वि० ( फा० दस्त = हाथ ) हाथ का हाथ से सम्बन्ध रखने वाला पदार्थ दस्तूर - संज्ञा, पु० ( फ़ा० ) क़ायदा, विधि, रीति, पारसियों का पुरोहित । दस्तूरी - संज्ञा, स्त्रो० दे० ( फ़ा० दस्तूर ) वह धन जो नौकर स्वामी के माल लेने पर दुकानदारों से पाता है, कमीशन । दस्यु - संज्ञा, पु० (सं०) चोर, डाकू, श्रनार्थ्य | दास | " नहिं दस्यु भयाल्लोको दैन्यवानहि वर्तते - वै० ।
दस्युता - संज्ञा, स्त्री० (सं०) चोरी, डकैती । 'दुष्टता, लूट-खसोट, दासता । दस्युवृत्ति-संज्ञा स्त्री० यौ० (सं०) चोरी, डकैती, दासता ।
दस्र - संज्ञा, पु० (सं० ) शिशिर, गर्दभ, अश्वनीकुमार, जोड़ा। वि० (सं०) हिंसक | दस्रौ - संज्ञा, पु० हि० (सं० ) देव-वैद्य, अश्विनीकुमार |
दद्द - संज्ञा, पु० दे० ( सं० हद ) नदी के अधिक जल या गहराई का स्थान । यौ० कालीदह, दहर, दहार (ग्रा० ) कुण्ड, हौज संज्ञा, खो० (सं० दहन ) ज्वाला, लपट | दहक - संज्ञा स्त्री० दे० ( सं० दहन ) अग्नि के 1. खूब जलने या दहकने की क्रिया, धधक, दाह, लपट, ज्वाला | दहकना - - ० क्रि० दे० (सं० दहन ) ज्वाला के साथ जलना, धधकना, भड़कना, तपना । दुष्ह्काना- - स० क्रि० दे० ( हिं० दहकना का
दहरना
प्रे० रूप ) धधकाना भड़काना, क्रोध दिलाना । प्रे० रूप० - दहकवाना । दहड़, दहर - क्रि० वि० दे० ( सं० दहन या अनु० ) लपटें फेंकते हुए, धाँयँ धाँयँ । दहदल - संज्ञा, स्त्री० (दे०) दलदल | दहन - संज्ञा, पु० (सं०) जलना क्रिया का भाव, दाह, अग्नि, कृत्तिका नक्षत्र, तीन की संख्या, एक रुद्र, चितावर, भिलावाँ, कबूतर | ( वि० दहनीय, दह्यमान ) । दद्दनकेतन - संज्ञा, पु० यौ० (सं०) धूम, धुआँ । दहनप्रिया - संज्ञा, स्त्रो० यौ० (सं० ) अग्नि की पत्नी, स्वाहा और स्वधा ।
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दहना - ० क्रि० दे० (सं० दहन ) जलना, क्रोध से संतप्त होना, कुढ़ना । स० क्रि० (दे०) जलाना, संतप्त या दुखी या क्रोधित करना । अ० क्रि० दे० ' हिं० दह ) नीचे बैठना, धँसना । वि० दे० ( हि० दहिना ) दाहिना, दहिना दाहिन ( ग्रा० ) । दहना राति - संज्ञा, पु० यौ० (सं० दहन +
राति ) श्रग्निरिपु अग्निशत्रु, जल । दहनि + - संज्ञा, स्त्री० दे० ( हिं० दहना ) जलन, जरनि, संताप, कुदन । दहनीय - संज्ञा, पु० (सं० ) जलाने योग्य । दाहन, दाहा ।
दहनोपल -- संज्ञा, पु० यौ० (सं० दहन + उपलपत्थर ) श्रग्निमय पत्थर, सूर्यकांतिमणि, श्रतशी शीशा ।
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दहपट - वि० यौ० (हि० दह = दस + पट = मतलब ) नष्ट-भ्रष्ट, चौपट, ध्वस्त, दलित, कुचिला या रौंदा हुआ T सूरदास प्रभुरघुपति थाये दहपट होई लंका " - सूर० । दहपटना- सं० क्रि० दे० ( हि० दहपट ) नष्ट भ्रष्ट या ध्वस्त करना, चौपट करना, कुचलना या रौंदना |
दहर, दहार - संज्ञा, पु० दे० (सं० हद ) नदी का गहरा स्थान, कुण्ड, धारा । दहरना - ० क्रि० दे० (सं० दर = डर +
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