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दमक
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दमावति बीवन रहना। किसी बर्तन का मुँह बन्द | दमना-संज्ञा, स्त्री० (सं०) द्रोण पुष्पी लता। करके कोई वस्तु पकाना, छल, धोखा। “दमना माँस उगल जनि चंदा "यौ०-दम-झाँसा-छल, कपट । दम- विद्या० । दौना पौधा । स० क्रि० (दे०) दिलासा या दम-पट्टी-फुसलाना दवाना दूर करना । " जिय माँझ महंपद झूठी प्राशा। मुहा०-दम देना- जो दमिये" - रामा० । बहकाना, धोखा देना । तलवार या चाकू दमनी-संज्ञा,स्रो० (सं०) लजा,संकोच, शर्म । पादि की धार, रक्त, साहस, शक्ति। दमनीय-वि० (सं०) दमन करने, दबाने, दमक-संज्ञा, स्त्री० दे० ( वि. चमक का ___ झुकाने, लचाने, या तोड़ने योग्य । " रच्यो अनु० ) भाभा, काँति, द्युति, चमक, चम- न धनु दमनीय" - रामा०। चमाहट । यो०-चमक-दमक । दमनू-संज्ञा, पु. ( सं० दमन ) दबाने या दमकना-अ० कि० दे० (हि. चमकना का | दमन करने वाला। " ढारै चमर भरत अनु०) चमकना, चमचमाना । " दमकत | रिपदमनू"-रामा०। भावै चार चोखो मुख मंद हास"-सरस । दमबाज़-वि० (फा०) फुसलाने वाला, धोखा दमकल, दमकला-संज्ञा, पु० (हि. दम+ या दम देने वाला । संज्ञा, स्त्री० दपबाज़ी। कल) बड़ा पंप, बड़ी पिचकारी।
"दमबाज़ों की दमबाजी से तो नाक में इमखम- संज्ञा, पु. (फा०) जीवनी-शक्ति, दम है।"
दता, तलवार की धार और उसकी वक्रता।। दमयन्ती--संज्ञा, स्त्री० (सं०) राना भीम की इमचूल्हा-संज्ञा, पु० यौ० दे० (हि० ) एक | कम्या और राजा नल की पत्नी । “भुवनत्रय लोहे की चादर का गोल चूल्हा।
सुभ्रुवामसौ दमयन्ती कमनीयतामिदम्'दमड़ा - संज्ञा, पु० दे० ( सं० दविण ) धन, "दमयन्तीति ततोऽभिधां दधौ"-नैषधः । दौलत, सम्पति।
| दमा-संज्ञा, पु० (फा०) स्वास रोग। 'दमा दमड़ी, दमरी-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० द्रविण) रोग दम के संग जाई"-स्फु०। एक पैसे का आठवाँ भाग।
दमाद-संज्ञा, पु० दे० (सं०जामातृ) जामाता, दमदमा-संज्ञा, पु० (फा० ) मोरचा, धुस। जवाई (ग्रा० ) लड़की का पति । दमदमाना-प्र० कि० ( दे० ) चमकना, दमादम-क्रि० वि० दे० ( फा० ) लगातार, प्रकाशित होना।
चमक से। दमदार-वि० (फ़ा० ) जानदार, दृढ़, | दमानक-संज्ञा, स्त्री० (दे०) बन्दूकों या तोपों
साहसी, उदार, मजबूत, चोखा, तीव, पैना। की बाढ़ । दमन-संज्ञा, पु. (सं०) दबाने या रोकने का | दमाना-२० क्रि० दे० (सं० दम ) नवाना, कार्य । संज्ञा, पु० (सं०) दंड, इन्द्रिय निग्रह | लचाना, झुकाना, निहुराना, नम्र करना । ( यौ०) विष्णु, शिव, एक ऋषि जिनकी | दमामा-संज्ञा, पु. (फ़ा०) नगाड़ा, डंका । कृपा से दमयंती हुई थी। "दमनादमनाक | " मढ़े दमामा जात हैं "-वि० । प्रसेदुषस्तनयां तथ्यगिरंस्तपोधनात् "- दमारि -संज्ञा, पु० दे० यौ० (सं० दावानल) नैप० । वि० दमनशील।
वन की प्राग, देवारि । " लागी है दमारि दमनक-संज्ञा, पु० (सं०) एक छंद ( पिं०) कैधौं फूले हैं पलास बन”- मन्ना० । एक पौधा, दौना (दे०)।
दमावति-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं०) दमयंती, दमनशील-वि० यौ० (सं०) जिसका स्वभाव राजा नल की प्राण प्रिया । " राजा नल दमन करने का हो, दमन करने वाला। कहँ जइस दमावति "-५०।
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