________________
Shri Mahavir Jain Aradhana Kendra
www.kobatirth.org
Acharya Shri Kailassagarsuri Gyanmandir
-
दंतबीज
८६८
दंष्ट्राविष दंतबीज-संज्ञा, पु. यौ० (सं०) अनार। दंपास-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. दमकना ) दंतमंजन-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) दाँत माँजने बिजली। का चूर्ण।
दंभ-दभान - संज्ञा. पु० (सं०) पाखंड, घमंड। दंतमूलीय-वि० (सं०) जो वर्ण दाँतों की वि. दंभी “ हौं जो कहत लै मिलो
जड़ से बोले जायें, जैसे त वर्ग, ल, स। जानकिहि छाँड़ि सबै दंभान”–सूर० । दंतायुध-संज्ञा, पु० यौ० (सं०) सुवर, सुश्रर। दंभी-वि० दे० ( सं० दंभिन् ) पाखंडी. दंतार-दंतारा-वि० दे० ( हि० दंत ) बड़े आडम्बरी, घमंडी।'' जनु दभिन कर जुरा
दाँतों वाला। संज्ञा, पु० दे० हाथी। समाजा"-रामा० ।। दतियाँ-संज्ञा, स्त्री० दे० ( हि० दंत-+इयां- दभोलि-संज्ञा, पु. (सं०) इन्द्र का अस्त्र. प्रत्य०) छोटे छोटे दाँत जो प्रथम जमते हैं। वज्र, अशनि। " लोगइ निहारै भई दुइ दुइ दतियाँ" दवरी--संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दमन, हि. -दीन।
दाँवना ) बैलों से अनाज के सूखे पौधे पिसदंती-संज्ञा, स्त्री० (सं०) एक औषधि ( लघु, ।
- वाना, रौंदाना, दाँप चलाना (ग्रा.)। वृहदंती) संज्ञा, पु० (सं० दंतिन् ) हाथी ।
। वारि-दवारि-दवारी--- संज्ञा, स्त्री० दे०
(सं• दावाग्नि ) दावाग्नि, वन की श्राग दंतुरिया-दंतुलिया संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दत+ इया प्रत्य० ) छोटे छोटे दाँत
। “फूले देखि पलाश वन समुहें समुझि
वारि"--वि०। जो प्रथम जमते हैं । " लटके लटुरियाँ त्यों दमकै दैतुरियाँ हू"-मन्ना।
दंश-संज्ञा, पु० (सं०) दाँतों से काटने का
घाव, दंतनत, काटना, दाँत, विषैले कीड़ों दंतला--वि० दे० (सं० दंतुर ) बड़े दाँतों का डंक, डाँस (वन-मकवी) “ दंशस्तु वाला । स्त्री० दंतुली।
वन मक्षिका"-अम० । “दश निवारणीश्वदंतोश्य-वि. यौ० (सं०) वह वर्ण जो दाँत रघु०" " मसक, देश बीते हिम-त्रासा" और पोष्ठ से बोले जावे-जैसे व।
-रामा०। दत्य-वि० (सं०) दाँत से उच्चरित वर्ण दंशक---संज्ञा, पु० (स०) काटने वाला, दाँत जैसे-- तवर्ग, ल "स"।
से काटने वाला, छोटा डाँस । दंद-संज्ञा, स्त्री० दे० (सं० दहन ) गरमी. दंशन-संज्ञा, पु० (सं०) काटना, डसना, उष्णता । संज्ञा, पु० दे० (सं० द्वद) उपद्रव, दाँत से काटना, वर्म, कवच । ( वि० लड़ाई, झगड़ा। " को न सहै दुख दंद" दंशित, दंशी)। -गिर० ।
दशित-वि० (सं०) काटा या डसा हुश्रा, दंदाना-संज्ञा, पु. ( फा० ) दाँतों की पंक्ति ! खंडित, दाँत काटा । वि० दंशनीय । जैसा पदार्थ, जैसे कंधी या भारी। ( वि० देशी-वि० (सं०) काटने या डंसने वाला, दंदानेदार )।
। आक्षेप-युक्त बोलने वाला, द्वेषी। संज्ञा, दंदानेदार-- वि० (फा०) दाँतों से ऊँचे नीचे स्त्री. (अल्पा०) छोटा डाँस, डाँसिनी (दे०)। किनारे वाली वस्तु ।
दंष्ट्र-संज्ञा, पु० (सं०) दाँत । "दंष्ट्रा-मयूखै दंदी-वि० दे० (हि. दंद ) लड़ाका, शकलानि कुर्वति"- रधु० ।
उपद्रवी, बखेडिया, झगड़ालू । दंष्ट्रा-संज्ञा, स्त्री० (सं०) दाढ़ें, बड़े दाँत । दंपति-दंपती- संज्ञा, पु० (सं०) स्त्री-पुरुष, दंष्ट्राविष- संज्ञा, पु० यौ० (सं०) विषैले दाँत नरनारी, पति-पत्नी का जोड़ा। __ वाले जीव-जंतु । जैसे--साँप ।
भावाल
For Private and Personal Use Only