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तुकमा २४३
तुनीर बंदी फ़ा० ) केवल तुक मिलाने या बुरा | तुझ-सर्व० दे० (सं० तुभ्यम् ) सम्बंध और काव्य करने का कार्य, काव्य-गुण-हीन कर्ता कारक को छोड़ शेष कारकों में काव्य ।
तू का रूप (अनादर-सूचक), तुझ (ग्रा०)। तुकमा-संज्ञा, पु० ( फा० ) धुंडी के फँसाने । तुझे-सर्व० ( हि० तुझ) तू शब्द के कर्म का फंदा, तसमा।
और संप्रदान कारक में रूप, तुझको, तेरे तुकांत-संज्ञा, पु० दे० यौ० (हि० तुक + लिये, तोंहि, तोकह (व.)। अंत सं० ) छंद के चरणों के अंतिम वर्णों तुट -वि० दे० ( सं० त्रुट ) बहुत ही थोड़ा, का मिलान, काफिया ( फा०) अन्त का लेश मात्र । अनुप्रास । ( वि. अतुकान्त)। तुहनास-स० कि० दे० ( सं० तुष्ट ) प्रसन्न तुका-संज्ञा, पु० (फ़ा०) धुंडीदार तीर या या संतुष्ट करना । अ० कि० (दे०) संतुष्ट या बान, तुका (दे०)।
प्रसन्न होना। तुकार-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि. तू+कार सं०) तुड़वाना, तोड़वाना-स० क्रि० दे० (हि. तू कहना (अनादर-सूचक ) बुरा संबोधन। तोड़ना का प्रे० रूप ) तोड़ने का काम दूसरे तुकारना-स० कि० दे० (हि. तुकार ) तू, पुरुष से कराना, तुड़ाना, तोड़ाना। तू कहकर बुलाना या संबोधन करना, तुड़ाई-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि• तुड़ाना) तुड़ाने (अपमानार्थ में )।
या तोड़ने का भाव या क्रिया, या मज़दूरी। तुकड़-संज्ञा, स्त्री० दे० (हि० तुक ) तुकबंदी तुड़ाना, तोड़ाना-स० कि० दे० (हि. करने वाला । वि० --तुकड़ी।
तोड़ना ) तोड़ने का काम कराना, पृथक् तुक्कल- संज्ञा, स्त्री० दे० (फा० तुका ) बड़ी करना, सम्बन्ध नरखना, भुनाना (रुपया०)। • पतंग।
तुतरा, तुतला)-वि० दे० (हि. तोतला) तुका-संज्ञा, पु० दे० ( फा० तुका ) धुंडीदार
तुतला कर बोलने वाला, तोतला (दे०)। तीर या बान । " है कोई तुक्के बाज़ बँचकै
तोतर (ग्रा०) । स्त्री. तुतरी, तुतली। तुक्का मारै "-गिर।
| तुतराना, तुतलाना-वि० दे० (हि. तुख-संज्ञा, पु०दे० (सं० तुष) छिलका. भूमी।
तुतुलाना) तुतला कर बोलना, तोतलाना। तुखार-संज्ञा, पु० (सं०) एक देश का पुराना
तुतरौहाँ -वि० दे० (हि. तातला) तुतनाम, इस देश के निवासी, या घोड़े । संज्ञा, लाने वाला, तोतला, तुतला । पु० दे० (सं० तुषार ) पाला, हिम, तुषार । तुतुही-संज्ञा स्त्री० (दे०) टोंटीदार छोटीघंटी। तुरुम-संज्ञा, पु. ( अ० ) बीज, बोजा।। तुत्थ-संज्ञा, पु० (सं०) तूतिया। तुवा-संज्ञा, स्त्री० दे० ( सं० त्वचा ) चमड़ा, | तुदन-संज्ञा, पु. (सं०) पीड़ा देने की क्रिया,
खाल, स्वचा । "मरी नागिनी तुचा सम" | व्यथा, पीड़ा। तुच्छ-वि० (सं०) छोटा, नीच, श्रोछा,थोड़ा, तुन-संज्ञा, पु० दे० (सं० तुम्न) एक पेड़, हलका। संज्ञा, पु० (दे०) तुच्छत्व।
तून, जिसके फूलों से पीला रंग बनता है। तुच्छता-संज्ञा, स्त्री० (सं०) छोटापन, तनकी-संज्ञा, स्त्री० (दे०) एक तरह की नीचता, श्रोछापन, अल्पता।
पतली रोटी। वि० (दे० तुनुक) रंच में रुष्ट तुच्छातितुच्छ-वि० यौ० (सं०) छोटे से होने वाला । यौ०-तनुक मिजाजी।
छोटा, अतिनीच, या श्रोछा, बहुत थोड़ा। तुनतुनाना-स० कि० दे० ( अनु० ) महीन तुजुक-संज्ञा, पु. (अ.) अदब, शान, स्वर से सितार आदि बजाना, टुनटुनाना । ." तिनको तुजुक देखि नेक हू न लरजा" तुनीर-संज्ञा, पु० दे० (सं० तूणीर ) तरकश,
भाया, तूणीर, तूनीर (दे०) ।
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